बांकुड़ा.
जिले के विभिन्न अंचलों में गर्मी का कहर प्राथमिक विद्यालयों के छोटे छात्रों पर भारी पड़ रहा है. लगातार बढ़ते तापमान के बीच पाटदोहा, मरलू और श्यामदासपुर जैसे विद्यालयों में छात्रों के बीमार पड़ने की खबरें सामने आयी हैं. बच्चों में सिरदर्द, जी मिचलाना और कमजोरी जैसे लक्षण देखे गये हैं. गर्मी को देखते हुए जिला प्राथमिक शिक्षा परिषद (डीपीएससी) के अध्यक्ष श्यामल सांतरा ने स्कूलों को सुबह के समय खोलने का निर्देश दिया था, लेकिन पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद ने इस आदेश को रद्द कर दिया और विद्यालयों को दोपहर के समय ही संचालित करने का आदेश जारी किया.शिक्षकों और अभिभावकों का विरोध
इस फैसले पर शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जतायी है. उनका कहना है कि राज्य में पहले अप्रैल-जून के दौरान सुबह की पाली में कक्षाएं चलती थीं, लेकिन इस साल बिना कोई कारण बताये यह परंपरा तोड़ दी गयी है.उस्थी यूनाइटेड प्राइमरी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बांकुड़ा जिला सचिव अरिंदम मंडल ने सवाल उठाते हुए कहा, “भीषण गर्मी में छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण यह स्थिति बनी है. तत्काल प्रभाव से सुबह की कक्षाएं शुरू होनी चाहिए. इसी तरह तृणमूल प्राथमिक शिक्षक संघ की बांकुड़ा जिला अध्यक्ष स्वाति बनर्जी ने बताया, “हमने बार-बार शिक्षा बोर्ड और डीपीएससी को सूचित किया है कि बच्चे गर्मी में बीमार हो रहे हैं. फिर भी सुबह की कक्षाएं शुरू नहीं की जा रहीं. कारण स्पष्ट नहीं है.
स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं शिक्षक
एक स्थानीय शिक्षक ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, “जब तापमान रोज 35 डिग्री या उससे ऊपर रहता है, तो दोपहर में बच्चों को स्कूल बुलाना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है.इसी बीच कई अभिभावकों ने भी शिक्षा विभाग से गुहार लगायी है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, तब तक स्कूल सुबह की पाली में ही चलाये जायें. अब सवाल यह है कि क्या शिक्षा विभाग बच्चों की इस तकलीफ को गंभीरता से लेकर कोई ठोस कदम उठायेगा? यही चिंता आज बांकुड़ा के सैकड़ों अभिभावकों के मन में घर कर रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है