बांकुड़ा. जिस प्रकार उत्तर बंगाल के जंगल हाथियों के स्वाभाविक ठिकाने हैं, ठीक उसी तरह दक्षिण बंगाल के बांकुड़ा जिले के घने जंगलों को दलमा हाथियों का प्रमुख आवास माना जाता है. खासकर बांकुड़ा उत्तर वन प्रभाग के गंगाजलघाटी और बिष्णुपुर के पंचेत प्रभाग के सोनामुखी-जपुर रेंज के जंगलों में हाथियों की नियमित आवाजाही होती है. इन जंगलों में हाथियों ने अपने निश्चित मार्ग बना रखे हैं, जिन्हें वन विभाग की भाषा में ‘हाथी गलियारा’ कहा जाता है.
हाथी गलियारे में रोशनी, गांववालों में डर : पंचेत वन प्रभाग के हेडे पर्वत बीट के लतीहिर गांव के समीप बने एक आलीशान होटल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि होटल प्रबंधन ने जंगल के अंदर की सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगा दी हैं, जिससे हाथियों की प्राकृतिक गतिविधियों में बाधा आ रही है. गांववासियों का कहना है कि हाथी अंधेरे में यात्रा करना पसंद करते हैं, लेकिन कृत्रिम रोशनी से वे भ्रमित होकर गलियारा छोड़ गांवों की ओर रुख कर सकते हैं. इससे फसलों, घरों और यहां तक कि जान-माल का नुकसान हो सकता है.स्थानीय निवासी यह भी बताते हैं कि इस जंगल में जंगली सूअर, भेड़िये और सियार जैसे जानवर भी रहते हैं, जो रोशनी से डरते हैं. बिना वन विभाग की अनुमति के स्ट्रीट लाइट लगाने को ग्रामीणों ने पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरा बताया है.
वन विभाग की कार्रवाई, भाजपा ने जताया विरोध
शिकायत मिलने के बाद शनिवार को रेंज अधिकारी आशीष घोष ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि स्ट्रीट लाइट लगाने की अनुमति नहीं दी गई थी और होटल प्रबंधन को लाइट बंद करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही होटल मालिक को डिवीजन कार्यालय में पेश होने के लिए भी कहा गया है. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार रात को भी लाइटें जलती रहीं.होटल प्रबंधन की ओर से एक अधिकारी ने सफाई दी कि यहां वीआइपी और पर्यटक आते हैं, उनकी सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाइटें लगायी गयीं हैं. अगर वन विभाग की अनुमति नहीं है, तो लाइटें हटा ली जायेंगी. इस बीच, विष्णुपुर भाजपा जिला अध्यक्ष सुजीत अगस्ती ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के समर्थन से हाथी गलियारे में होटल और कारखाने बनाये जा रहे हैं. जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा कर बस्तियां बसायी जा रही हैं, जिससे वन्यजीवों की जान पर बन आ रही है और ग्रामीणों को खतरा बढ़ गया है. उन्होंने उचित जांच की मांग करते हुए यह जानने की भी मांग की कि यह होटल आखिर किसकी जमीन पर बनाया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है