22.3 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कोरोना इम्पैक्ट : सरकारी राहत नहीं मिलने से बंद होने के कगार पर है 1.75 करोड़ छोटे कारोबार

Coronavirus Impact, Asansol news : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders- CAIT) के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरपर्सन सह फेडरेशन ऑफ साऊथ बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (Federation of South Bengal Chamber of Commerce and Industries) के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाला (Subhash Agrawala) ने कहा कि देश में घरेलू व्यापार कोरोना के कारण सदी के अपने सबसे बुरे दिनों से जूझ रहा है. जिसमें तत्काल राहत का कोई संकेत नहीं होने से देश भर के व्यापारियों के समक्ष कठिन चुनौती उत्पन्न हो गयी है. केंद्र और राज्य सरकार से व्यापारियों को कोई भी सहूलियत नहीं मिलने से करीब 1.75 करोड़ छोटे कारोबार बंद होने के कगार पर है. इसे लेकर केंद्र व राज्य सरकार को चिट्ठी भेजी गयी.

Coronavirus Impact, Asansol news : आसनसोल (पश्चिम बंगाल) : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders- CAIT) के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरपर्सन सह फेडरेशन ऑफ साऊथ बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (Federation of South Bengal Chamber of Commerce and Industries) के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाला (Subhash Agrawala) ने कहा कि देश में घरेलू व्यापार कोरोना के कारण सदी के अपने सबसे बुरे दिनों से जूझ रहा है. जिसमें तत्काल राहत का कोई संकेत नहीं होने से देश भर के व्यापारियों के समक्ष कठिन चुनौती उत्पन्न हो गयी है. केंद्र और राज्य सरकार से व्यापारियों को कोई भी सहूलियत नहीं मिलने से करीब 1.75 करोड़ छोटे कारोबार बंद होने के कगार पर है. इसे लेकर केंद्र व राज्य सरकार को चिट्ठी भेजी गयी.

श्री अग्रवाला ने कहा कि भारतीय घरेलू व्यापार जो दुनिया भर में सबसे बड़ा स्वयं संगठित क्षेत्र है, लेकिन गलत तरीके से इसे असंगठित क्षेत्र में वर्णित किया गया है. इसमें 7 करोड़ से अधिक व्यापारी शामिल हैं, जो 40 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं और 60 लाख करोड़ का वार्षिक कारोबार करते हैं. भारत के घरेलू व्यापार में लगभग 8 हजार से अधिक मुख्य वस्तुओं का व्यापार होता है. बैंकिंग क्षेत्र अब तक इस क्षेत्र को औपचारिक वित्त प्रदान करने में विफल रहा है. केवल 7 प्रतिशत छोटे व्यवसाय बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से वित्त प्राप्त करने में सक्षम हैं. 93 प्रतिशत व्यापारी अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अन्य अनेक अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर हैं.

Also Read: टीएमसी समर्थकों का सुंदरबन थाना में हंगामा, साथियों को छुड़ा ले गये, 6 पुलिस कर्मी घायल, 8 गिरफ्तार

टीएमसी समर्थकों का सुंदरबन थाना में हंगामा, साथियों को छुड़ा ले गये, 6 पुलिस कर्मी घायल, 8 गिरफ्तारकोविड के पूर्व से ही देश का घरेलू व्यापार वित्तीय संकट से गुजर रहा. कोविड ने रही- सही कसर पूरी कर व्यापार की कमर तोड़ दी. केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज में छोटे व्यवसायों के लिए एक रुपये का भी प्रावधान नहीं था और न ही देश की किसी राज्य सरकार द्वारा छोटे व्यवसायों के लिए कोई वित्तीय सहायता दी गयी. प्रवासी श्रमिकों को वित्तीय पैकेज के लायक माना गया, लेकिन जिन व्यापारियों को अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा माना जाता है उसे किसी ने भी सहायता देना जरूरी नहीं समझा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के एक आह्वान पर कोविड में व्यापारियों ने देशभर में आपूर्ति श्रृंखला को कुशलता से जारी रखा. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का लाइफलाइन इन व्यापारियों के इस ज्वलंत मुद्दे को तत्काल संज्ञान लेने के लिए एक पैकेज नीति की घोषणा करने और उन्हें अपने व्यवसाय के पुनरुद्धार में मदद करने की नीति की घोषणा करने का आग्रह केंद्र और राज्य सरकार से करने को लेकर पत्र दिया गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel