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शिवम धातु उद्योग में अवैध निर्माण पर भी निगम की कार्रवाई, विवादों में जुर्माना

मुद्दे को लेकर चल पड़ी राजनीति, पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने कसा तंज

जामुड़िया. शुक्रवार को आसनसोल नगर निगम की टीम ने जामुड़िया इकड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थित शिवम् धातु उद्योग कारखाने में अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. हालांकि, टीम को कारखाने के अंदर प्रवेश करने से पहले करीब एक घंटे तक बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में लंबी बहस के बाद ही वे अंदर जा सके. नगर निगम के कानूनी सलाहकार रबी उल इस्लाम ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, आसनसोल नगर निगम किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में यह देखा गया है कि कारखाने अपनी स्वीकृत सीमा से अधिक निर्माण कर रहे हैं या ऐसे निर्माण कर रहे हैं जो श्रमिकों के लिए खतरनाक हो सकते हैं. रबी उल इस्लाम ने बताया कि पिछले दो वर्षों से ऐसे कारखाना मालिकों को लगातार नोटिस दिए जा रहे थे और यह भी कहा गया था कि जुर्माना अदा करने पर उनके निर्माण को नियमित किया जा सकता है, लेकिन जब कोई कदम नहीं उठाया गया, तो नगर निगम ने अब यह अभियान शुरू किया है.

उन्होंने बताया कि आज की कार्रवाई में पुलिस प्रशासन और दमकल विभाग के साथ नगर निगम की टीम ने कारखाने में कुछ अवैध निर्माण पाया. शुरू में प्रवेश में बाधा डालने के बाद, आखिरकार कारखाना प्रबंधन और श्रमिकों को अपनी गलती का एहसास हुआ और टीम अंदर प्रवेश कर पाई. रबी उल इस्लाम ने जोर दिया कि नगर निगम किसी भी कारखाना मालिक को परेशानी नहीं देना चाहता और राज्य सरकार की तरह आसनसोल नगर निगम भी इस क्षेत्र में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना चाहता है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थापित उद्योगों को नगर निगम के नियमों का पालन करना होगा.

कारखाने पर जुर्माना लगाया गया है और आज कारखाना प्रबंधन द्वारा एक राशि जमा की गई है, हालांकि रबी उल इस्लाम ने जमा की गई सटीक राशि का खुलासा नहीं किया. उन्होंने साफ कहा कि आसनसोल नगर निगम किसी भी निर्माण को तोड़ना नहीं चाहता, लेकिन कारखाना मालिकों को नगर निगम के नियमों के अनुसार ही काम करना होगा

पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने उठाये सवाल, डिप्टी मेयर ने किया बचाव

इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल पड़ा है. आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने इस कार्रवाई पर हैरानी जताते हुए कहा कि जिन कारखाना मालिकों पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना बकाया है, उन्हें मात्र 20 लाख रुपये लेकर छोड़ दिया जा रहा है. कटाक्ष किया कि 100 करोड़ रुपये का एक माह का ब्याज ही 10 लाख रुपये होता है, और बीते दो-तीन वर्षों का ब्याज करीब तीन करोड़ रुपये होगा. आरोप लगाया कि गरीबों को एक पैसे की राहत नहीं दी जाती, जबकि बड़े कारखाना मालिकों को ऐसी छूट दी जा रही है. जितेंद्र ने आगे कहा कि आसनसोल की जनता बेवकूफ नहीं है और सब देख रही है. सही समय पर इसका जवाब देगी.

वहीं, आरोपों को नकारते हुए डिप्टी मेयर वसीम उल हक ने कहा कि निगम, उद्योग लगाने को प्रोत्साहित जरूर कर रहा है, पर यह भी जरूरी है कि उद्योग कानून का पालन करें. जो उद्योग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. डिप्टी मेयर वसीम उल हक ने कहा कि निगम लोगों को समय देने के पक्ष में है और इसी वजह से थोड़ी देर हो रही है. उन्होंने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आज की तारीख में बंगाल और आसनसोल में भाजपा शून्य हो चुकी है, लेकिन फिर भी ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल में लोकतंत्र होने के कारण उन्हें बोलने का मौका मिल रहा है, जबकि अन्य राज्यों में विपक्ष को यह मौका भी नहीं मिलता.

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