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गंगाजल घाटी ब्लाॅक के दुर्लभपुर गांव में डायरिया का प्रकोप

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, एक व्यक्ति की हालत गंभीर होने के कारण उसे बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है.

अमरकानन ग्रामीण अस्पताल में चल रहा डायरिया संक्रमित 48 लोगाें का इलाज बांकुड़ा. गंगाजल घाटी प्रखंड के मेजिया औद्योगिक क्षेत्र के दुर्लभपुर गांव में डायरिया का प्रकोप है. इस बीमारी से एक वृद्ध महिला की मौत हो गयी है, इससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है. रविवार दोपहर तक 48 लोगों को इलाज के लिए अमरकानन ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, एक व्यक्ति की हालत गंभीर होने के कारण उसे बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है. इसके अलावा शनिवार सुबह से ही एक मेडिकल की टीम गांव में डेरा डाले हुए है और इलाज शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार रात एक वृद्ध की मौत हो गयी. उनका नाम कुची लोहार (64) था. मृतक के बेटे काजल लोहार ने बताया कि शुक्रवार को उनकी मां को उल्टी और शौच शुरू हो गया था. पहले उन्हें अमरकानन और फिर वहां से बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया. शनिवार सुबह उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. रात में उन्हें फिर से उल्टी और शौच शुरू हो गया. आधी रात को उनकी मौत हो गयी. तब तक गांव के लोहारपाड़ा में कई लोग संक्रमित हो चुके थे. रविवार दोपहर तक 48 लोगों को अमरकानन ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्थानीय लटियाबोनी ग्राम पंचायत के प्रधान माणिक मंडल ने बताया कि इस मोहल्ले में कई लोग ट्यूबवेल का पानी पीते हैं. इसके अलावा डीवीसी ने मेजिया पावर प्रोजेक्ट की दीवार पर शुद्ध पेयजल का नल लगाया है. कुछ लोग उस पाइपलाइन से भी पानी पीते हैं. गंगाजलघाटी पंचायत समिति के उपाध्यक्ष निमाई माझी ने रविवार को पूरे दिन चिकित्सा शिविर का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण एक महीने से अधिक समय से लगातार बारिश हो रही है. मोहल्ले में एक बड़ा तालाब भी है. गंदा पानी वहां गिरता है. निवासी उस तालाब के पानी का उपयोग नहाने और आवश्यक काम के लिए करते हैं. यह संभव है कि तालाब के पानी से डायरिया का संक्रमण फैला हो. गंगाजल घाटी ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी शर्मिला दास चटर्जी संयुक्त बीडीओ के साथ गांव आयीं और कहा- तालाब के ट्यूबवेल में जल शोधन की व्यवस्था करने का काम चल रहा है. यह प्रक्रिया अगले तीन दिनों तक जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि पंचायत के सहयोग से माइकिंग के ज़रिये जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि शुरुआती अनुमान है कि जलजनित कारणों से ऐसा हुआ है. हालांकि, ट्यूबवेल से पानी के नमूने ले लिये गये हैं और उन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है.

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