आसनसोल.
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के साइबर क्राइम थाना में छह फरवरी 2025 को दर्ज डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में पुलिस ने दीमापुर (नागालैंड) के जेल में बंद आरोपी सैंज जॉनबौ अबोनमाई (32) को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गुरुवार को आसनसोल अदालत में पेश किया. जांच अधिकारी ने इनके अन्य साथियों की जानकारी हासिल करने का हवाला देकर 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने दस दिनों का रिमांड मंजूर किया. आरोपी के पास से मिली प्राथमिक जानकारी ने पुलिस अधिकारियों को हैरान और परेशान कर दिया है. उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में बैठे साइबर अपराधी देश के किसी भी कोने में किसी भी अकाउंट नम्बर का उपयोग करके साइबर ठगी के पैसे उसमें ट्रांसफर कर रहे हैं. इस मामले में भी उत्तर भारत में बैठे अपराधी दुर्गापुर धुपचुरिया इलाके के व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट करके 16.85 लाख रुपये लूटे और यह राशि दीमापुर के एक खाते में गयी थी, इसी खाते में दो करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी की राशि की लेनदेन कुछ महीनों में हुई है. इस मामले में जांच के लिए पुलिस को अनेकों राज्य की खाक छाननी पड़ेगी. जिसे लेकर टीम तैयार किया जा रहा है. गौरतलब है कि छह फरवरी 2025 को धुपचूडिया इलाके के निवासी ने डिजिटल अरेस्ट की शिकायत साइबर क्राइम थाना में दर्ज करायी. जिसमें 16.85 लाख रुपये की ठगी हुई थी. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू और गुरुवार को एक आरोपी को दीमापुर से आसनसोल लेकर आयी. पुलिस इससे पूछताछ कर रही है.दीमापुर के एक स्कूल के अकाउंट में जा रहे थे साइबर ठगी के रुपये
दीमापुर से आसनसोल लाया गया आरोपी सैंज जॉनबौ दीमापुर में स्थित टा चक हो नामक एक निजी स्कूल का अकाउंटेंट है. धुपचूडिया इलाके के निवासी को डिजिटल अरेस्ट करके 16.85 लाख रुपये इसी स्कूल के खाते में गया था. पुलिस जब जांच के लिए पहुंची तो स्कूल के चेयरमैन, मालिक, अध्यक्ष सारे लोग इस बात से अंजान थे कि उनके स्कूल के खाते का उपयोग साइबर ठगी के लिए हो रहा है. पता चला कि इस खाते की सम्पूर्ण जिम्मेदारी अकाउंटेंट सैंज की है. जांच के दौरान ही स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एडीपीसी की टीम दीमापुर पुलिस के साथ मिलकर इस मामले में काम कर रही थी. आसनसोल अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी हुआ, जिसके आधार पर आरोपी को पुलिस दीमापुर से आसनसोल लायी. प्राथमिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह इस खाते को मणिपुर के एक व्यक्ति को दिया था. उसने इस खाते को उत्तर भारत में बैठे साइबर अपराधियों को दिया. जिनलोगों ने इस कांड को अंजाम दिया है. खाता देने के बदले उसे हर लेनदेन पर एक कमीशन मिलता था. अब पुलिस उत्तर भारत में बैठे अपराधियों को पकड़ने की तैयारी में जुटी है.
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