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रानीगंज के निजी अस्पताल के स्क्रैप यार्ड में गार्ड की संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों को हत्या का शक

रहस्य. बांसड़ा के निजी अस्पताल के स्क्रैप यार्ड में फंदे से लटका मिला सुरक्षाकर्मी

मृतक के परिजनों का आरोप, गार्ड को जान से मार कर टांग दिया गया शव, ताकि मामला खुदकुशी का लगे पंजाबी मोड़ चौकी की पुलिस पर उठे सवाल, अस्पताल प्रतिनिधि या परिजनों की गैरमौजूदगी में शव को ले गयी रानीगंज. रानीगंज के बांसड़ा इलाके के एक निजी अस्पताल के स्क्रैप यार्ड में संदिग्ध हालात में सुरक्षाकर्मी की मौत हो गयी. स्कैप यार्ड में सुरक्षाकर्मी को फंदे से लटका मृत पाया गया. घटना से इलाके में सनसनी फैल गयी. मृतक का नाम परान गोप (42) बताया गया है, जो बीते छह सालों से अस्पताल के स्क्रैप यार्ड में काम कर रहा था. शुक्रवार सुबह उसका शव फंदे से लटका पाया गया. घटना की सूचना पाते ही परान गोप के परिजन, रानीगंज के बोरो चेयरमैन मुजम्मिल शहजादा, वार्ड 34 के पार्षद ज्योति सिंह और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे. गार्ड का शव देखने के बाद परिजनों ने आत्महत्या की संभावना को नकारते हुए हत्या का अंदेशा जताया. परान की पत्नी शंपा गोप ने बताया कि आज सुबह लगभग 6:30 बजे अस्पताल प्रबंधन से उसे पति की मौत की सूचना मिली. बताया गया कि उसके पति ने आत्महत्या कर ली है. इसे खारिज करते हुए शंपा ने जोर दिया कि उसका पति आत्महत्या नहीं कर सकता. घर में ना तो कोई समस्या थी – ना ही उनका किसी से झगड़ा हुआ था. पति के शव को देखने के बाद उसने कहा कि हत्या करके शव को टांग दिया गया, ताकि मामला खुदकुशी का लगे. शंपा ने मामले की निष्पक्ष जांच करके दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की.

उधर, मृतक के भाई संदीप गोप ने बताया कि परान रानीगंज के काकोडांगा इलाके के निवासी थे और छह साल से भी अधिक समय से शुभदर्शनी अस्पताल के स्क्रैप यार्ड में सुरक्षाकर्मी के रूप में नाइट ड्यूटी कर रहे थे. अस्पताल से शुक्रवार को सुबह फोन आया कि परान की मौत हो गयी है. मौके पर जाकर परिजनों ने देखा कि परान का शव बेहद पतली रस्सी के सहारे लटका था और जिस घर में शव लटका था, उसकी ऊंचाई भी साढ़े छह फीट से ज्यादा नहीं थी. संदीप ने आगे बताया कि परान के शरीर पर चोट के निशान थे और उनके नाखून उखाड़ लिये गये थे. इन तथ्यों को देखते हुए उसने जोर दिया कि परान ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उनकी हत्या की गयी है.

पुलिस की भूमिका पर उठाये सवाल

संदीप गोप ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि रानीगंज के पंजाबी मोड़ चौकी की पुलिस घटनास्थल पर आयी और अस्पताल के प्रतिनिधि अथवा, मृतक के रिश्तेदारों के आने से पहले ही शव को कब्जे में लेकर चली गयी. आखिर रिश्तेदारों की गैरमौजूदगी में शव को पुलिस कैसे ले जा सकती है. परिजन काफी देर तक अड़े हुए थे कि जब तक निजी सिक्योरिटी कंपनी के उच्चाधिकारी मौके पर नहीं आ जाते, तब तक वे परान के शव को वहां से नहीं ले जाने देंगे. कुछ स्थानीय लोगों की शिकायत है कि अस्पताल परिसर में खुलेआम युवा नशाखोरी व अड्डेबाजी करते हैं. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. घटना को लेकर पूछने पर निजी अस्पताल प्रबंधन से जुड़ी अंतरा गांगुली ने बताया कि शुक्रवार सुबह अस्पताल के फैसिलिटी मैनेजर ने उन्हें स्क्रैप यार्ड में गार्ड की फंदे से लटकी लाश होने की जानकारी दी. फिर इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. पुलिस पड़ताल में लग गयी है. अभी मामले में कुछ नहीं कहना मुश्किल है. उन्होंने अस्पताल परिसर में सुरक्षा के अभाव की बात से इंकार किया. कहा कि यदि ऐसा होता, तो यहां दूसरे कर्मचारी काम नहीं कर रहे होते. यह भी बताया कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसे लेकर पहले कभी कोई शिकायत या विवाद नहीं रहा. लिहाजा इस घटना से सभी हैरान हैं.

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