रानीगंज.
मंगलवार को रानीगंज के तिराट ग्राम पंचायत के चेलोद हाइ स्कूल में रेशमी ग्रुप ने निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया, जिसमें पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने इस ग्रुप की गतिविधियों व उसके संभावित प्रभावों पर अलग-अलग राय रखी, जिससे लोग हैरान रह गये. यह शिविर शुभदर्शनी अस्पताल, रानीगंज के सहयोग से लगाया गया, जिसमें छह डॉक्टरों और नौ मेडिकल स्टाफ ने 125 मरीजों की जांच की और उन्हें मुफ्त दवाएं भी दीं. कार्यक्रम में पश्चिम बर्दवान जिला टीएमसी के नवनियुक्त अध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती और पश्चिम बर्दवान जिला परिषद चेयरमैन विश्वनाथ बाउरी दोनों उपस्थित थे. मजे की बात है कि दोनों नेताओं ने अपने विचार रखे. नरेंद्रनाथ ने दावा किया कि इसीएल की झांझरा और सोनपुर बाजार परियोजना की तरह, रेशमी ग्रुप भी क्षेत्र में व्यापक विकास और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लायेगा. हालांकि, उनके तुरंत बाद विश्वनाथ बाउरी ने नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती के दावों का खंडन करते हुए कह दिया कि रेशमी ग्रुप की तुलना इसीएल की परियोजनाओं से नहीं की जा सकती. इसीएल की परियोजनाएं कंपनी के नियंत्रण में हैं और उनके वेतन ढांचे व परिचालन को इसीएल ही नियंत्रित करता है. जोर दिया कि रेशमी ग्रुप की वेतन संरचना व गतिविधियां अलग हैं, इसलिए ग्रुप की इसीएल से तुलना करना उचित नहीं है. उन्होंने रेशमी ग्रुप से ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी मांगों को पूरा करने और विकास कार्य कराने का आग्रह किया.रेशमी ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुमित चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी कंपनी लगातार सामाजिक कार्य करती रहती है और यह स्वास्थ्य शिविर इसी कड़ी का हिस्सा था. उन्होंने ऑर्थोपेडिक, ईसीजी सहित विभिन्न विषयों की जांच और निःशुल्क दवा वितरण की जानकारी दी. नेताओं के अलग-अलग बयानों पर सुमित चक्रवर्ती ने कहा कि किसी भी बड़े काम को करने में छोटी-मोटी परेशानियां आती हैं, जिन्हें दूर करके ही बड़ा काम किया जा सकता है. उन्होंने जोर दिया कि रेशमी ग्रुप क्षेत्र के विकास और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें भरोसा है कि सभी परेशानियां बातचीत से दूर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी इस दिशा में आगे बढ़ रही है.
कार्यक्रम में पंचायत समिति सदस्य और आसनसोल दक्षिण ग्रामीण महिला टीएमसी अध्यक्ष समाप्ति पांजा भी उपस्थित थीं. उनसे जब पूछा गया कि जिस रेशमी ग्रुप के खिलाफ वे पहले आंदोलन कर रही थीं, उसी के कार्यक्रम में वे क्यों शामिल हुईं, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया. पांजा ने कहा कि वे नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती का स्वागत करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए यहां आई थीं, जिन्हें पश्चिम बर्दवान जिले का अध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि आज राजनीति करने का दिन नहीं था और एक अच्छा काम हो रहा था, जिसमें जिला अध्यक्ष उपस्थित थे.उन्होंने भरोसा जताया कि सभी समस्याओं का समाधान बातचीत से निकल जाएगा और स्थानीय लोगों की मांगें अभी भी कायम हैं.ग्रामीण विरोध और भविष्य की उम्मीदें
ध्यान रहे कि पश्चिम बर्दवान जिले के रानीगंज स्थित तिराट, चेलोद और कई अन्य गांवों के ग्रामीण वर्तमान में रेशमी ग्रुप के द्वारा किये जा रहे कोयला खदान(ओसीपी) खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन विरोधाभासी बयानों ने स्थानीय ग्रामीणों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है, जो रोजगार और विकास को लेकर स्पष्टता चाहते हैं.अब देखना यह है कि रेशमी ग्रुप भविष्य में किस तरह सभी जटिलताओं को पार कर सामान्य लय में आगे बढ़ता है और क्षेत्र के ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरा उतर पाता है. हालांकि वर्तमान एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुमित चक्रवर्ती के सकारात्मक पहल के ग्रामवासी बेहतर उम्मीद की आस लगा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है