पानागढ़.
पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा थाना इलाके के पानागढ़ रनडीहा मोड़ से 102 नंबर रेल गेट पार कर रेलवे कॉलोनी होते हुए सिलामपुर दामोदर नदी तक बालू लेने जाने वाले सैकड़ों भारी वाहनों के कारण स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. कांकसा ग्राम पंचायत के स्थानीय भाजपा सदस्य पंकज जायसवाल का कहना है कि प्रतिदिन करीब 300 से 350 ट्रक इस रास्ते से बालू ढोने के लिए गुजरते हैं. भारी वाहनों के लगातार आवागमन से रनडीहा मोड़ की सड़क पूरी तरह टूटकर तालाब में तब्दील हो चुकी है. स्थिति यह हो गयी है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.पुलिस की तय समयसीमा भी कागजों तक सीमित
पंचायत सदस्य ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा इन ट्रकों के चलने का समय दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक तय किया गया था, लेकिन अब यह नियम सिर्फ नाम मात्र का रह गया है. दिन और रात भर ये वाहन बेरोकटोक चलते रहते हैं. इस सड़क से स्कूली बच्चे, महिलाएं और स्थानीय लोग भी नियमित रूप से गुजरते हैं, जिससे हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो पुलिस यहां आती है और न ही किसी सिविक वॉलंटियर की तैनाती की गयी है. इस लापरवाही के कारण पूरे दिन ट्रकों का आवागमन बना रहता है.
सेना के वाहन भी हो रहे प्रभावित
इस सड़क का इस्तेमाल पानागढ़ आर्मी बेस के वाहन और सेना के जवान, ऑफिसर अपने चार नंबर गेट तक जाने के लिए करते हैं. लेकिन बालू लदे ट्रकों के कारण उन्हें भी जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों में इन वाहनों को लेकर काफी रोष है और वे प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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