बिना नोटिस हटाये जाने का आरोप आसनसोल. शुक्रवार को आसनसोल आरपीएफ ने नगर निगम के सामने रास्ते के किनारे रेलवे की जमीन पर बनी अवैध दुकानों को हटाया. आरपीएफ के जवानों ने दुकानदारों को वहाँ से हटने का निर्देश दिया. कुछ दुकानदारों ने आरोप लगाया कि रेलवे ने बिना कोई नोटिस दिये अचानक दुकानें हटवा दीं, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. दुकानदारों ने सवाल उठाया कि अब वे कहां जायेंगे. नेता का ऐलान, आंदोलन होगा: श्रमिक नेता राजू आहलूवालिया ने इस कार्रवाई को जनविरोधी बताया और कहा कि बिना पुनर्वास के किसी को भी हटाना गलत है. उन्होंने बताया कि वे शनिवार को आसनसोल लौटकर उसी जगह से तीव्र आंदोलन की शुरुआत करेंगे. उन्होंने केंद्र सरकार और रेलवे विभाग पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए निकम्मा करार दिया. वहीं इस मामले में निगम के एमएमआइसी गुरुदास चटर्जी ने कहा कि सड़क किनारे दुकान लगाना जमीन के मालिकाना हक का आधार नहीं बनता. उन्होंने सुझाव दिया कि दुकानदारों को ठेला पर अस्थायी रूप से दुकान लगानी चाहिये, ताकि शाम को ठेला हटाकर सड़क खाली की जा सके. उन्होंने कहा कि शहर को साफ-सुथरा और विकसित बनाने के लिए इस तरह की कार्रवाई ज़रूरी होती है, जैसा कि बड़े शहरों में भी किया जाता है.
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