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लदे 11 ट्रैक्टर के साथ अतिरिक्त 22 टन कोयला जब्त, दर्ज हुई प्राथमिकी

अवैध कोयला कारोबार पर इसीएल सुरक्षा विभाग, सीआइएसएफ और पुलिस की अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई से इलाके में खलबली मच गयी है. इसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत मोहनपुर कोलियरी के निकट पहाड़गोड़ा इलाके में हुई इस संयुक्त छापेमारी में पुनः एकबार इस अवैध धंधे के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ.

आसनसोल/रूपनारायणपुर.

अवैध कोयला कारोबार पर इसीएल सुरक्षा विभाग, सीआइएसएफ और पुलिस की अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई से इलाके में खलबली मच गयी है. इसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत मोहनपुर कोलियरी के निकट पहाड़गोड़ा इलाके में हुई इस संयुक्त छापेमारी में पुनः एकबार इस अवैध धंधे के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ. इस छापेमारी में कोयला लदे ग्यारह ट्रैक्टर पकड़ा गया, सभी में डेढ़ टन से अधिक कोयला लोड था और खुले मैदान में विभिन्न जगहों पर इकट्ठा किया हुआ 22.320 टन कोयला जब्त किया गया. कोयला लदे ट्रैक्टर सालानपुर थाना के हवाले कर दिया गया और जब्त कोयला मोहनपुर कोलियरी के डिपो में जमा करा दिया गया. इसीएल सालानपुर एरिया के सुरक्षा प्रभारी दिलीप प्रसाद की शिकायत पर ग्यारह ट्रैक्टरों के चालक और इनके मालिकों के खिलाफ सालानपुर थाने में कांड संख्या 47/25 में बीएनएस की धारा 303(2)/317(2)/61(2) और एमएमडीआर एक्ट की धारा 21 के तहत मामला दर्ज हुआ.

गौरतलब है कि कोयला, बालू आदि के अवैध कारोबार पर पुलिस व प्रशासन की कड़ी निगरानी के बावजूद भी इसपर अंकुश नहीं लगा है और नियमित छापेमारियों में इसका खुलासा हो रहा है. मंगलवार को इसीएल सालानपुर एरिया के मोहनपुर कोलियरी के निकट पहाड़गोड़ा इलाके में चल रहे बड़े पैमाने पर अवैध कोयला कारोबार का खुलासा हुआ. यहां हुई छापेमारी के ग्यारह ट्रैक्टर कोयला पकड़ा गया. जो अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक माना जा रहा है.

स्थानीय कारखानों में अवैध कोयला की आपूर्ति का आरोप लगाया गया शिकायत में

इसीएल सालानपुर एरिया के सुरक्षा प्रभारी श्री प्रसाद ने अपनी शिकायत में कहा कि विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि कुछ बदमाश व अन्य लोग ट्रैक्टर मालिक और चालकों के साथ मिलकर अवैध कोयला को पास के कारखानों में आपूर्ति करने के लिए गैरकानूनी प्रथाओं का सहारा ले रहे हैं. जिससे आवश्यक कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही है और सालानपुर क्षेत्र में अवैध कोयला कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है.

वे आदतन अपराधी हैं, जो इस तरह के व्यवसाय को चुनते हैं. इससे क्षेत्र में माफियावाद, भष्टाचार, कालाबाजारी और आपराधिक गतिविधि को बढ़ावा मिलता है. जिससे जान माल की हानि के साथ समानांतर अर्थव्यवस्था के कारण राज्य व केंद्र दोनों के सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो सकता है.

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