बरजोड़ा, बेलियातोड़ व सोनामुखी से दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा बांकुड़ा. लगातार बारिश के चलते जिले के कई निचले इलाके डूब गये हैं. हालात का विधायक ने जायजा लिया. एक के बाद एक चक्रवातों के कारण पिछले दो महीनों से कभी हल्की तो कभी मध्यम से भारी बारिश से ज़िले का सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बुधवार को दिनभर बारिश होती रही, लेकिन रात 8:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक लगातार हुई बारिश से नदियों व नहरों में जलभराव हो गया है. जिले की नदियों का जलस्तर फिर बढ़ गया है और प्रवाह भी काफी तेज हो गया है. दामोदर, द्वारकेश्वर, गंधेश्वरी, शिलाबाती, शाली आदि नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. बुधवार आधी रात से ही बरजोड़ा प्रखंड क्षेत्र में शाली नदी पर बने भैरबडांगा पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. बरजोड़ा, बेलियातोड़, सोनामुखी का रावतोड़ा, गरीबाती, कनाई, नामाई, भैरबपुर, मुक्तापुर समेत क्षेत्र के दर्जनों गांवों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है. नतीजतन, प्रभावित गाँवों के कई छात्रों और आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है गुरुवार की सुबह, बरजोरा विधायक आलोक मुखर्जी, ब्लॉक अध्यक्ष कालिदास मुखर्जी पुलिस और ब्लॉक प्रशासन के अधिकारियों के साथ जलमग्न पुल का निरीक्षण करने गए. विधायक ने कहा कि डीवीसी को छोड़कर निचले दामोदर क्षेत्र के कई गाँव पानी में डूब गए हैं जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है दूसरी ओर, बुधवार की रात भर भारी बारिश के कारण शाली नदी खतरनाक हो गई है भैरबडांगा पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण दोपहर में दूसरी तरफ का संचार कट गया है, लेकिन हम दूसरी तरफ के लोगों के संपर्क में हैं. इधर, तृणमूल बरजोड़ा ब्लॉक अध्यक्ष कालिदास मुखर्जी ने कहा कि भारी बारिश के कारण वृंदावनपुर इलाके में भैरबडांगा पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. फलस्वरूप, कई गांव अस्थायी रूप से अलग-थलग पड़ गये हैं. हालांकि, शाली नदी पर बने गंगडुआ जलाशय से जल छोड़े जाने पर बाढ़ की स्थिति बन सकती है. कालिदास मुखर्जी ने बताया कि भारी बारिश के कारण चांदार क्षेत्र के चंदनपुर गांव के कई लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं.
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