आसनसोल.
पश्चिम बंगाल में भय, असुरक्षा व विस्थापन का माहौल बनने का आरोप लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद(विहिप) ने न्याय, सुरक्षा व सुशासन के लिए यहां राष्ट्र्पति शासन लगाने की मांग को लेकर मंगलवार को रैली निकाली. यह रैली एचएलजी मोड़ से लेकर डीएम कार्यालय तक गयी. विहिप आसनसोल सांगठनिक जिला के पदाधिकारी सचिव श्रीकांत प्रसाद, उपाध्यक्ष सुमन महतो, सहायक सचिव तेज प्रताप सिंह, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ओमनारायण प्रसाद ने जिलाधिकारी पोन्नमबालम.एस से मुलाकात की और उनके माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन में विहिप ने मुर्शिदाबाद की घटना में हिंदुओं के पलायन की तुलना कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से करते हुए यहां अनुच्छेद 356 के तहत तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील राष्ट्रपति से की है. जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि इस ज्ञापन को वे प्रॉपर चैनल के जरिये राष्ट्रपति तक पहुंचा देंगे. गौरतलब है कि वक्फ कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद जिला के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा में आधिकारिक तौर पर तीन लोगों की मौत हो गयी, जिसमें एक पिता-पुत्र शामिल हैं. सैकड़ों हिंदू समुदाय के लोग घर छोड़ कर पलायन कर गये. सरकारी, गैर सरकारी प्रतिनिधियों का लगातार दौरा चल रहा है. वहां का माहौल फिलहाल शांत है, लेकिन जो भयावह मंजर वहां के लोगों ने देखा है, उसका खौफनाक आतंक वे कभी भूल नहीं पाएंगे. लोग डरे और सहमे हुए है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां केंद्रीय बल तैनात करने को कहा. फिलहाल यहां केंद्रीय बलों की भी तैनाती है. विभिन्न संगठनों द्वारा मुर्शिदाबाद की इस घटना को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा रही है. इसबीच मंगलवार को विहिप ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा.सात पेज के ज्ञापन में हिंदुओं पर कथित जुल्म का विहिप ने खोला चिट्ठा
राष्ट्रपति को भेजे गये सात पेज के ज्ञापन में विहिप की ओर बंगाल में हिंदुओं पर हुए कथित जुल्म की सारी घटना तथ्यों के साथ जोड़ी गयी गया है. लिखा गया है कि बंगाल में 14 वर्षों के शासनकाल में हिंदू समुदाय को बार-बार हमले झेलने पड़े हैं, जिनके लिए राज्य सरकार की तुष्टीकरण की नीति जिम्मेदार है. तीन जनवरी 2016 को मालदा में हमला हुआ था. वाहनों व कार्यालयों में आग लगा दी गयी थी. 13 दिसंबर 2016 को धुलागढ़ में हमला हुआ. जुलाई 2016 में बदुरिया पुलिस स्टेशन के रुद्रपुर इलाके के एक युवक ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बजाय उसके घर को आग लगा दी गयी. परिजनों पर लगातार हमले हुए.
मार्च 2018 में आसनसोल व रानीगंज में रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ. आठ अक्तूबर 2019 को मुर्शिदाबाद जिला के जियागंज में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या हुई. मार्च 2023 में शिवपुर हावड़ा में रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ. अक्तूबर 2022 में इकबालपुर और मोमिनपुर में हमला हुआ. 30 मार्च 2023 को उत्तर दिनाजपुर जिला के दालखोला में रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ. वर्ष 2024 में मुर्शिदाबाद जिला के बेलडांगा पुलिस स्टेशन अधीन मौजमपुर और मिर्जापुर में धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ हुई. मार्च 2025 में मालदह जिला के मोथाबाड़ी इलाके में धार्मिक जुलूस पर हमला हुआ. आरोप लगाया गया कि हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहा है, धार्मिक त्योहारों के लिए अदालत का आदेश लेना पड़ रहा है. स्कूलों में सरस्वती पूजा करने पर अनेकों जगह रोक लगा दी गयी है, दुर्गापूजा के मंत्रोच्चारण को लाउडस्पीकर में चलाने पर रोक दिया जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस नेताओं के भड़काऊ भाषणों(सारे नेताओं के बयानों के लिंक दिये गये हैं) से स्थिति और भी गंभीर हो रही है. राज्य सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में जुटी है. ऐसे में संविधान की धारा 356 से प्रदत्त अधिकार का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति से अविलंब हस्तक्षेप करने की अपील की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है