हॉर्टिकल्चर यानी बागवानी की संभावनाओं पर जिले में ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षित किये जायेंगे कृषक सरकार से 50 फीसदी सब्सिडी के साथ किसानों को दिया जायेगा प्रशिक्षण आसनसोल. पश्चिम बर्दवान बागवानी विभाग ( हॉटिकल्चर) की संभावनों को देखते हुए इसे बढावा देने के लिये बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में कृषि विभाग, वन विभाग आदि को लेकर समन्व्य बैठक की गयी. हॉटिकल्चर विभाग के एक अधिकारी मिलन चंद साई ने बताया कि जिले में बागवानी की संभावनों को देखते हुये इसके प्रचलन को बढाने के लिये सरकार की ओर से जिला स्तर पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. हॉटिकल्चर को बढावा देने के लिये जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम की अगुवाई में डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है. जिसके चेयरमैन के रूप में डीएम तथा उप चेयरमैन एडीएम को नियुक्त किया गया. इसके अलावा डीएफओ, डीएचओ आदि अधिकारियों को भी कमेटी में स्थान दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिले में बागवानी की प्रथा को बढावा देने के लिये ब्लॉक स्तर कार्य करने निर्देश दिया गया है. जिसके लिये किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जायेगा. किसानों को खुद से ही ग्रीन हाउस या पॉलिहाउस का निर्माण करना होगा. बाद में सरकार उस पर 40 से 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी. गौरतलब है कि बागवानी विभाग एक सरकारी एजेंसी या संगठन है. जो व्यवस्थित बागवानी (पॉलिहाउस व ग्रीन हाउस) की प्रथा का प्रचार और विकास के लिये कार्य करती है. पौधों विशेष रूप से फलों, सब्जियों, फूलों और अन्य सजावटी पौधों की खेती का विज्ञान और कला को जिला स्तर पर चलन बढाने के निर्णय लिया गया है. यह विभाग पौधों का उत्पादन बढ़ाने, गुणवत्ता में सुधार करने और समग्र बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए काम करते हैं. बागवानी विभाग फसलों की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने, उन्नत कृषि तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने और किसानों को उच्च मूल्य वाली, विशिष्ट फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. पौधों की किस्मों को बेहतर बनाने, नई खेती के तरीके विकसित करने और कीटों और बीमारियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए अनुसंधान करते हैं. बागवानी क्षेत्र का समर्थन करने के लिए नीतियाँ बनाते और लागू करते हैं. जिसमें सब्सिडी प्रदान करना, निवेश को बढ़ावा देना और बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है. बागवानी विभाग किसानों को प्रशिक्षण और विस्तार सेवाएँ प्रदान करते हैं. जिससे उन्हें अपनी खेती के तरीकों को बेहतर बनाने और नई तकनीकों को अपनाने में मदद मिलती है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी विभाग काम करता हैं. जिससे किसानों को बाज़ार तक पहुंचने और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है