29 जून 2012 को देवर ने कुल्हाड़ी से कर दी थी हत्या दुर्गापुर. अवैध संबंध को लेकर अपनी भाभी को कुल्हाड़ी से मार कर मौत के घाट उतारने के मामले में दोषी साबित हुए देवर समीर मजूमदार को बुधवार को दुर्गापुर महकमा अदालत में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. अभियुक्त पर सेशन केस नंबर 178/12 के तहत हत्या का मामला एडीजे (स्पेशल) कोर्ट में चल रहा था. बुधवार को जज लोकेश पाठक ने सभी गवाहों व सबूतों के आधार पर हत्यारे समीर मजूमदार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को अतिरिक्त छह माह की सजा काटनी पड़ेगी. अभियुक्त समीर मजूमदार लावदोहा के लबना पाड़ा ग्राम का रहनेवाला है. उसके खिलाफ 29 जून 2012 को अपनी ही भाभी पूर्णिमा मजूमदार (25) को कुल्हाड़ी से वार कर हत्या करने का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में अभियुक्त देवर समीर मजूमदार एवं उसके बड़े भाई रंजीत मजूमदार के खिलाफ मृतका के मायकेवालों की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था. घटना के बाद दोनों जेल में कैद थे. हालांकि इस हत्याकांड में रंजीत मजूमदार(पति) को मंगलवार को एडीजे-विशेष कोर्ट ने बेकसूर करार देते हुए मामले से बरी कर दिया है. देवर को हत्या का दोषी ठहराया था.
क्या है मामला
सरकारी अधिवक्ता गोपाल कृष्ण कुंडू ने बताया कि फरीदपुर (लावदोहा) थाना क्षेत्र के लबना पाड़ा में 29 जून 2012 को अवैध संपर्क खातिर देवर समीर मजूमदार ने अपनी भाभी पर कुल्हाड़ी से वार कर दिन दहाड़े हत्या कर दी थी. मृतिका के पिता झाझरा निवासी सोरेस हजारा ने लावदोहा थाना में दामाद रणजीत मजूमदार एवं उसके भाई समीर मजूमदार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था. शिकायत के आधार पर पुलिस घटना स्थल से पति एवं देवर को गिरफ्तार कर लिया एवं उन्हें जेल भेज दिया था. इनके खिलाफ सेशन केस संख्या 178/ 12 के तहत विभिन्न समय पर सुनवाई चल रही थी. अभियुक्त के खिलाफ सात गवाह बनाए गए थे. घटना के बाद से दोनों अभियुक्त 13 वर्षों से जेल में कैद थे.बुधवार केश की सुनवाई एडीजे (स्पेशल) लोकेश पाठक ने सभी सबूतों पर गौर करते हुए मृतका के देवर की सजा सुनायी है.
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