दुर्गापुर.
गुरुवार को पश्चिम बंगाल आदिवासी जुमत गावता संगठन की ओर से दुर्गापुर नगर निगम का घेराव किया गया. सिटी सेंटर इलाके में हुए इस प्रदर्शन में आदिवासी समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. प्रदर्शन से पहले एक रैली निकाली गई जो विभिन्न इलाकों से होती हुई नगर निगम कार्यालय तक पहुंची. संगठन की ओर से आरोप लगाया गया कि इलाके में पीने के पानी की गंभीर समस्या है, सड़कें बदहाल हैं, नालों की व्यवस्था नहीं है, और आदिवासी समुदाय को अब तक जमीन के पट्टे नहीं दिये गये हैं. प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि बारिश के समय मिट्टी के घर ढह जाते हैं लेकिन प्रशासनिक मदद नहीं मिलती. ”माफिया राज को मिल रहा संरक्षण” राज्य सचिव सुनील किस्कू ने कहा कि दुर्गापुर नगर निगम को पहले भी कई बार ज्ञापन और आवेदन दिये गये, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि पत्थर और बालू माफियाओं का प्रभाव इलाके में बढ़ता जा रहा है और नगर निगम उन्हें संरक्षण दे रहा है.किस्कू ने चेतावनी दी कि यदि मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो संगठन और अधिक जोरदार आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा, “जब भी हम अपनी समस्याएं लेकर निगम के अधिकारियों के पास जाते हैं, सिर्फ आश्वासन मिलता है, समाधान नहीं.”
प्रशासन का जवाब
दुर्गापुर नगर निगम की प्रशासक आनंदिता मुखर्जी ने कहा कि जहां भी पेयजल की समस्या है, वहां टैंकर भेजे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सड़क और अन्य बुनियादी समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी समस्याओं का जल्द समाधान किया जायेगा. फिलहाल आदिवासी संगठन नगर निगम की कथित अनदेखी और वादाखिलाफी के खिलाफ अपने आंदोलन को जारी रखने की बात कर रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है