वामपंथियों नेता-कार्यकर्ताओं का आरोप, जताया प्रतिवाद
जामुड़िया. वामपंथी ट्रेड यूनियनों के दस संगठनों द्वारा 9 जुलाई को केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में बुलाए गए देशव्यापी हड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल और विशेष रूप से जामुड़िया में हुए कथित उत्पीड़न के खिलाफ, माकपा जोनल इस्ट एरिया कमेटी ने शुक्रवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने जामुड़िया थाना गेट के समक्ष प्रदर्शन करते हुए थाना प्रभारी को एक ज्ञापन सौंपा.
विरोध प्रदर्शन और आरोप : सीपीआईएम ने एक जुलूस का आयोजन किया और जामुड़िया थाना का घेराव किया. प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप था कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बंद को बाधित किया और जबरन दुकानें व बाजार खुलवाए. इसके अलावा, दिनाजपुर में पुलिस द्वारा श्रमिक माकपा नेता मजदूर रहमान को थप्पड़ मारे जाने की घटना का भी उन्होंने कड़ा विरोध किया.
माकपा नेता तापस कवि ने कहा कि 9 जुलाई की हड़ताल केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ थी, लेकिन जामुड़िया थाना पुलिस ने घूम-घूमकर बाजार और बैंक खुलवाकर इसे विफल करने की कोशिश की.उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के “आश्रित गुंडों ” ने लोगों को डरा-धमकाकर दुकानें आदि खुलवाईं.
तापस कवि ने इस बात पर जोर दिया कि हड़ताल के दिन पुलिस द्वारा माकपा समर्थकों के साथ बर्बरता की गई.उन्होंने कहा कि यह हड़ताल पूरे भारतवर्ष में थी, लेकिन पश्चिम बंगाल में जितनी “पुलिसिया अत्याचार ” हुई, वह अन्य किसी राज्य में देखने को नहीं मिली. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ बुलाए गए बंद को विफल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने पुलिस के साथ मिलकर जबरदस्ती की. बंद समर्थकों को बेवजह गिरफ्तार किया गया और उनके साथ बदसलूकी की गयी, जो पूरी तरह गलत है. थाना घेराव व ज्ञापन सौंपे जाते समय माकपा के कई प्रमुख नेता व कैडर मौजूद थे. इनमें तापस कवि, मनोज दतो, सुमित कवि, अब्दुल कयूम, बुद्धदेव रजक, कमालुद्दीन अंसारी, भरत पासवान, संजय चटर्जी और संदीप मुखर्जी सहित अन्य शामिल थे.
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