रानीगंज.
कनुस्तोरिया क्षेत्र अंतर्गत ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के नॉर्थ सियारसोल ओपन कास्ट प्रोजेक्ट (ओसीपी) में बुधवार को स्थानीय लोगों ने कोयला ढुलाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसके चलते घंटों कोयला परिवहन बाधित रहा. यह विवाद इसीएल द्वारा अधिग्रहित भूमि और उसके एवज में नौकरी देने की पुरानी मांग को लेकर है. जानकारी के अनुसार, हाराधन कर्मकार और सुदीप मंडल को राज्य सरकार ने जिन जमीनों का पट्टा दिया था, उसी पर इसीएल ने अपनी परियोजना स्थापित की. समझौते के मुताबिक, इसीएल को राज्य सरकार को डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक भुगतान करना था, जिससे इन जमीनदाताओं को इसीएल में नौकरी मिलनी थी. लेकिन भुगतान की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई, और इस कारण नौकरी भी नहीं मिली.विरोध के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा जमीनदाताओं की ओर से प्रदीप कर्मकार ने बताया कि 2016 से वे लगातार अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. उन्होंने बताया कि पहले वे पट्टे की जमीन पर खेती करते थे, पर अब ओसीपी परियोजना के कारण वह ज़मीन चली गई और आय का स्रोत बंद हो गया.
उन्होंने कहा कि “अब विरोध के अलावा और कोई चारा नहीं है “. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी केवल टालमटोल कर रहे हैं और एक-दूसरे के पास भेजते रहते हैं. प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक भुगतान नहीं होता और नौकरी की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती, तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे. इसीएल अधिकारियों ने दी जल्द समाधान की उम्मीदइस संबंध में नॉर्थ सियारसोल ओसीपी के महाप्रबंधक एससी मित्रा ने स्वीकार किया कि यह मामला उच्च अधिकारियों के स्तर पर लंबित है. उन्होंने बताया कि भुगतान की अनुमति जल्द मिलने की उम्मीद है.
मित्रा ने भरोसा दिलाया कि जैसे ही भुगतान प्रक्रिया पूरी होती है, जमीनदाताओं को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामला जल्द सुलझा लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है