दुर्गापुर.
गत नौ जुलाई को देशव्यापी श्रमिक यूनियन की ओर से की गई हड़ताल में माकपा संबंध सीटू श्रमिक यूनियन की भागीदारी चरम पर देखी गई थी. दुर्गापुर में हड़ताल का नेतृत्व सीटू श्रमिक नेता सिद्धार्थ बोस ने मुख्य भूमिका निभायी थी. हड़ताल में नेतृत्व करने के चलते प्लांट में उनके घुसने पर पाबंदी लगा दी गयी है. ऐसा आरोप सिद्धार्थ बोस ने तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है. शनिवार इस मुद्दे को लेकर दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित यूनियन कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया. जहां सिद्धार्थ बोस के अलावा सीपीएम के पूर्व विधायक विपेंद्रू चक्रवर्ती, यूनियन लीडर विश्वरूप बनर्जी ,सहित कई यूनियन नेता मौजूद थे .सिद्धार्थ बोस ने बताया कि 9 जुलाई के आंदोलन में शामिल होने के कारण मुझे मेरे कर्म स्थान से बाहर कर दिया गया है. हड़ताल के बाद ड्यूटी के लिए लेनिन सारणी स्थित निजी प्लांट में गया था. आरोप लगाया कि उस दौरान प्लांट के गेट के समक्ष तृणमूल के कुछ नेताओं ने प्लांट में घुसने में रोक लगा दी है . श्री बोस ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेता रिंटू पंजा के नेतृत्व में तृणमूल के कुछ लोगों ने मुझे रोका था. एवं मुझे तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष से प्लांट में घुसने का अनुमति पत्र ले कर आने का दबाव दिया गया. यूनियन नेता विश्वरूप बनर्जी ने कहा कि श्रमिकों के अधिकार के लिए हड़ताल करना लोक तंत्र का अधिकार है. लेकिन सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस श्रमिकों के अधिकार के लिए लड़ाई करने वाले श्रमिक नेताओं को चुन-चुन कर उनपर दबाव बना रही है. घटना की शिकायत प्रशासनिक अधिकारी से की गई है . प्रशासन यदि उचित कार्रवाई नहीं करेगी तो संगठन की ओर से सड़क पर पर उतरकर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ जोरदार आंदोलन शुरू किया जाएगा. वही इस बारे में तृणमूल कांग्रेस ने सीटू द्वारा लगाया गया आरोपी को गलत ठहराया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है