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बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज से निकाली गयी चौथे वर्ष की छात्रा जूही कोले

अनुसूचित जनजाति(एसटी सर्टिफिकेट) के फर्जी प्रमाण-पत्र के बूते बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर रहे चौथे वर्ष की छात्रा को यहां से निष्कासित कर दिया गया.

बांकुड़ा.

अनुसूचित जनजाति(एसटी सर्टिफिकेट) के फर्जी प्रमाण-पत्र के बूते बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर रहे चौथे वर्ष की छात्रा को यहां से निष्कासित कर दिया गया. राज्य स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद यह सख्त कदम उठाया गया. छात्रा का नाम जूही कोले बताया गया है. जांच में उक्त छात्रा का एसटी सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया. ध्यान रहे कि उस छात्रा के खिलाफ बीते कुछ समय से आदिवासी समुदाय के लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे थे. आदिवासियों का दावा था कि उक्त छात्रा ने नकली जाति प्रमाण-पत्र बनवा कर मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले रखा है. उसने इसी सर्टिफिकेट के आधार पर तीन वर्ष से ज्यादा समय तक पढ़ाई कर ली. आखिरकार, स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उक्त कॉलेज की चौथे वर्ष की छात्रा जूही कोले को निकाल दिया.

मेडिकल कॉलेज के जुड़े सूत्रों की मानें, तो जूही कोले नामक छात्रा को वर्ष 2022 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट पर बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला था. हाल ही में उसके एसटी सर्टिफिकेट को पड़ताल में फर्जी पाया गया. उसके बाद बांकुड़ा व जंगलमहल के आदिवासियों ने छात्रा के तुरंत निष्कासन और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. सवाल उठाया कि कोई छात्रा फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल कैसे कर सकती है.

इस बाबत बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पंचानन कुंडू ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से सोमवार को निर्देश जारी हुआ, जिसके बाद जूही कोले नामक चौथे वर्ष की मेडिकल छात्रा को बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया. उसके खिलाफ पुलिस से शिकायत की जायेगी. यह गंभीर मामला है. जिस छात्रा ने वर्ष 2021 में मेडिकल परीक्षा दी थी, उसने कोविड-19 के कारण वर्ष 2022 से अपनी पढ़ाई शुरू की थी. प्रिंसिपल ने आगे कहा कि तब उसने जो एसटी सर्टिफिकेट जमा किया था, वो संदिग्ध था. जांच में सर्टिफिकेट को फर्जी पाया गया. आरोपी छात्रा के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. गौरतलब है कि जूही कोले बर्दवान के रायना की निवासी है, पर उसके एसटी सर्टिफिकेट में जलपाईगुड़ी का पता दर्ज है. इसके अलावा, दस्तावेजों में यह भी है कि उसका एसटी सर्टिफिकेट जलपाईगुड़ी से जारी किया गया था. उसके नाम, उपनाम व एसटी प्रमाणपत्र को लेकर कॉलेज के अधिकारियों को संदेह हुआ. फिर वो प्रमाण-पत्र व अन्य कागजात को सत्यापन के लिए जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन के पास भेजा गया. इस बीच, आदिवासी कल्याण समिति के एक नेता ने बताया कि जूही कोले को वर्ष 2021 से बांकुड़ा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल परीक्षा में बैठने का मौका मिला था. जांच में पता चला कि जूही कोले ने जो अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र बनवाया था, वो जलपाईगुड़ी एसडीओ कार्यालय से जारी किया गया था. जबकि उसका घर पूर्व बर्दवान में है. उसने यह फर्जी प्रमाण-पत्र पूर्व बर्दवान में प्राप्त किया था. आदिवासी नेता का दावा है कि यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है.

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