शुक्रवार सुबह बीसीसीएल की बोड़ीरा खदान में हुई दुर्घटना, जल्दबाजी में कोलियरी से निकाला गया शव, नहीं हुआ पोस्टमॉर्टम आसनसोल/कुल्टी. बीसीसीएल के क्षेत्र संख्या 12, दामागोड़िया कोलियरी अंतर्गत बोड़ीरा ओसीपी (खुली मुंह खदान) में अवैध खनन के दौरान शुक्रवार सुबह चाल धंसने से स्थानीय केंदुआ बाजार गुप्ता होटल के निकट आवास में रहनेवाले एक अधेड़ (50 वर्षीय) की मौत हो गयी. प्रबंधन ने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इंकार किया.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोई शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी. आसनसोल नगर निगम 70 नम्बर वार्ड के पार्षद वकील दास ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है, मृतक व्यक्ति का आवास केंदुआ इलाके में गुप्ता होटल के सामने की गली में है. कोलियरी के एजेंट को फोन किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. सूत्रों के अनुसार मृतक का कोई पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. सिर्फ यही खदान नहीं लगभग सभी कोयला खदानों में ही स्थिति एक ही प्रकार की होती है और लोग मरते रहते हैं. परिवार वाले भी चुप्पी साध लेते हैं.क्या है पूरी घटना
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रतिदिन इस खदान में भोर 3:00 बजे से लोग अवैध खनन करके कोयला निकालने के काम में लग जाते हैं. ओसीपी यानी खुली खदान में ही लोगों ने अवैध सुरंग बना रखी है. इसी सुरंग से कुछ लोग अंदर कोयला काटते हैं और कुछ अन्य लोग उसे खदान के ऊपर लाकर जमा करते हैं. शुक्रवार को भी यह कार्य चल रहा था कि अचानक एक सुरंग के सामने कोयला उपर ले जाने के लिए खड़ी महिलाओं ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया कि चाल धंस गया है और अंदर लोग फंस गये हैं. पूरे खदान में हल्ला मच गया. कुछ लोगों को पत्थर हटाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया. हालांकि अंदर फंसे एक व्यक्ति को बाहर नहीं निकाल पाए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मशीन लगाकर अंदर फंसे व्यक्ति को बाहर निकाला गया, तबतक उसकी मौत हो चुकी थी. शव को तुरंत उपर लाया गया, जहां से टोटो में करके शव को उनके घर पहुंचा दिया गया. प्रबंधन ने अवैध सुरंग के मुहाने को बंद कर दिया गया. हालांकि इस खदान में सैकड़ों सुरंग है, जहां से कोयला काटकर निकाला जाता है. यह सारा कुछ एक सिस्टम के माध्यम से चलता है. खदानों में अवैध रूप से सुरंग बनाकर कोयला चोरी करना और दुर्घटना में मौत होने, एक सामान्य प्रक्रिया है. हादसे नियमित होते हैं और इसमें लोगों की मौत भी होती रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है