रानीगंज.
आसनसोल नगर निगम के वार्ड 88 के अधीन रानीगंज के पीएन मालिया रोड स्थित लगभग 60 वर्ष पुराने हिंदी उच्च माध्यमिक श्रीदुर्गा विद्यालय के मुख्य दो द्वारों के सामने शनिवार को मुख्य सीढ़ियों को तोड़ने के कुछ लोगों के प्रयास से इलाके में बवाल मच गया. इसकी सूचना पाते ही स्कूल के प्रभारी प्रधान शिक्षक रंजीत बिंद भागे-भागे आये और देखा कि कुछ मजदूर मुख्यद्वार व सीढ़ी को तोड़ रहे थे. उन्होंने तत्काल रानीगंज थाने को इत्तला दी. रंजीत बिन्द ने बताया कि इस कार्रवाई की जानकारी स्कूल को पहले से नहीं दी गयी थी. उन्होंने हैरानी जतायी कि छुट्टी के दिन ऐसे स्कूल के मुख्य द्वार व सीढ़ी को तोड़ने की कोशिश की गयी, जबकि यह स्कूल 50 साल से भी ज्यादा पुराना है और यहां 1400 छात्र पढ़ते हैं. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस स्कूल परिसर में चुनाव कार्य और मतदान भी होता है. घटना की सूचना पाकर आसनसोल नगर निगम के एमएमआइसी और इस विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष दिव्येंदु भगत भी मौके पर पहुंचे. बताया कि स्कूल के मुख्य द्वार को नुकसान पहुंचाने की खबर पाकर वे यहां आये हैं. उन्होंने इस कृत्य को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह एक पुराना स्कूल है, जहां सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल के सामने कुछ मुटिया मजदूर भी रहते हैं जो 100 सालों से यहां रह रहे हैं। दिव्येंदु भगत ने मौके पर काम कर रहे श्रमिकों को तुरंत काम रोकने का निर्देश दिया. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि यह कौन कर रहा है, तो वह स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पाए, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि जो भी यह कार्य कर रहा है, उसे रोका जाएगा. वहीं, स्कूल के सामने की जमीन को अपनी बताने वाले जमीन मालिक ओम प्रकाश खंडेलवाल और मनोज तोदी ने बताया कि लगभग 65 वर्षों से ओम प्रकाश खंडेलवाल के पिता और मनोज तोदी के दादाजी के बीच इस जमीन को लेकर अदालत में मामला चल रहा था. उन्होंने कहा कि अब वे आपसी सहमति से मामले का निपटारा करना चाहते हैं क्योंकि यह जमीन उन्हीं की है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने इसकी जानकारी स्कूल को पहले से दी थी, तो मनोज तोदी ने कहा कि उन्होंने इसकी जरूरत नहीं समझी क्योंकि जमीन उनकी है और वे कोई भी गैरकानूनी काम नहीं कर रहे हैं.ओम प्रकाश खंडेलवाल ने बताया कि उन्होंने इस बारे में स्थानीय पार्षद, विधायक, नगर निगम के मेयर और रानीगंज थाना प्रभारी को भी सूचित किया है. उनके अनुसार, नगर निगम के मेयर ने उनसे कहा है कि अगर जमीन कानूनी तौर पर उनकी है तो वे उस पर कार्य करवा सकते हैं. मनोज तोदी ने यह भी बताया कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि यह जमीन उनकी है, जबकि विद्यालय के आने-जाने का रास्ता ठाकुरबाड़ी की गली से है. उन्होंने बताया कि जब श्री दुर्गा विद्यालय की बिल्डिंग बनाने के लिए सामान लाना-ले जाना होता था, तब तत्कालीन प्रिंसिपल के साथ मौखिक रूप से अस्थायी तौर पर यह जमीन रास्ते के लिए दी गई थी.उनका अब देहांत हो चुका है और मनोज तोदी ने कहा कि उनके साथ कोई लिखित समझौता नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि वे अपनी जमीन को घेरना चाहते हैं और अगर कोई इसका विरोध कर रहा है तो वे कानून का सहारा लेंगे.
मौके पर पहुंची रानीगंज थाना पुलिस ने फिलहाल कार्य कर रहे श्रमिकों की सामग्री को अपने कब्जे में लेते हुए काम को बंद करवा दिया. साथ ही, जमीन के दोनों मालिकों को रानीगंज थाना में आकर थाना प्रभारी से बात करने के लिए कहा गया है. स्थानीय वार्ड पार्षद नेहा सिंह ने इस बारे में बताया कि रानीगंज के विधायक और मेयर से उनकी बातचीत हुई है.उन्होंने कहा कि अगर कानूनी तौर पर जमीन मालिकों की है तो जमीन उन्हें देनी होगी. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि विद्यालय के छात्रों के आने-जाने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जमीन मालिकों से आवेदन कर छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए कुछ जमीन मांगी जाएगी. घटना से रानीगंज के दुर्गा विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों में भी चिंता का माहौल है यह देखना होगा कि प्रशासन इस जमीन विवाद और विद्यालय के मुख्य द्वार को तोड़ने के प्रयास पर क्या कदम उठाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है