जामुड़िया.
पश्चिम बंगाल सरकार के युवा आवासन में जामुड़िया, चुरुलिया दोलनचांपा नजरुल फाउंडेशन की ओर से दो दिवसीय साहित्य सम्मान समारोह संपन्न हो गया. इसमें बांग्ला साहित्य के कई प्रमुख साहित्यकारों व लेखकों को सम्मानित किया गया. दो दिवसीय आयोजन 30 जून को काजी नजरुल इस्लाम की पत्नी प्रमिला देवी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. फाउंडेशन की सोनाली काजी ने बताया कि यह कार्यक्रम 1993 से लगातार आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काजी नजरुल इस्लाम के यशस्वी व्यक्तित्व में उनकी बीवी प्रमिला देवी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. विद्रोही कवि की जिंदगी में प्रमिला देवी का अहम स्थान था. सोनाली काजी ने आगे बताया कि इस संस्था का गठन उनके पिता काजी रिजाउल करीम ने किया था, जिनकी इच्छा थी कि काजी नजरुल इस्लाम के साथ-साथ उनकी पत्नी प्रमिला देवी को भी समान रूप से याद किया जाये. इसी भावना के साथ यह दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य काजी नजरुल इस्लाम के जीवन और उनके कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना है, साथ ही उनके जीवन में प्रमिला देवी के योगदान व महत्व को भी रेखांकित करना है. 30 जून को प्रमिला देवी की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में अनेक विशिष्टजन भी उपस्थित थे. एक जुलाई के कार्यक्रम में बांग्ला साहित्य के कई प्रमुख साहित्यकारों व लेखकों को याद किया गया. कुल 110 साहित्यकारों व लेखकों को सम्मानित किया गया. मौके पर डॉ विधान चंद्र राय को भी याद किया गया.समारोह के दौरान काजी महीदुल हुसैन, काजी रिजाउल करीम, कवि अरुण चक्रवर्ती, रामदुलाल बसु और डॉ विधान चंद्र राय को याद किया गया और उनके योगदान को सराहा गया.
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