आसनसोल.
आइपीएल में ऑनलाइन सट्टेबाजी का धंधा चलाने के आरोप में गिरफ्तार आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के फटिकपाड़ा पद्मा तालाब इलाके के निवासी सोनू सोनकर और आसनसोल जिला अस्पताल के पीछे सरस्वतीपल्ली इलाके का निवासी दुर्गा बर्मन के पास से जो कागजात मिले हैं, उन्हें देख कर पुलिस भी हैरान है. द क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी), डॉ.बीसी राय क्लब हाउस इडेन गार्डेन्स कोलकाता के नाम से दो दस्तावेज की प्रतियां मिलीं हैं, जिनमें लिखा है कि क्रेक्स, स्टंप्स, नाइट क्लब, एमपीएल प्रो, औरा 444.कॉम, औरा 444.बिज, डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.ड्रीम 444.क्लब, डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.किंग 444.कॉम, सुपर 555.कॉम, सुपर 777.कॉम, डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.स्काईएक्स.आर्ट, मास्टरबुक 247.कॉम, एजी.स्काईएक्सज — ये सारी क्रिकेट खेल से जुड़ी अधिकृत वेबसाइटें हैं, जो सीएबी कोलकाता और खिलाड़ियों के विकास के लिए लोगों के साथ पैसे का लेनदेन करती हैं. सूत्रों की मानें, तो इसकी सत्यता या प्रामाणिकता की जांच को लेकर पुलिस की एक टीम को कोलकाता रवाना किया गया है. उक्त दोनों आरोपी फिलहाल चार दिनों की पुलिस रिमांड में हवालात के अंदर हैं. इस मामले की गहन पड़ताल में खुफिया विभाग(डीडी) की टीम जुट गयी है. रिमांड अवधि में दुर्गा ने बताया कि सट्टेबाजी का सरगना सोनू है और उसके जैसे अनेक युवक इस गोरखधंधे से जुड़े हैं. बुकिंग की कुल राशि का 10 फीसदी कमीशन के रूप में उन्हें मिलता है. आइपीएल में हर गेंद पर लोग दांव लगाते हैं, जिसका सारा कच्चा चिट्ठा इनलोगों के मोबाइल फोन से पुलिस ने बरामद किया है. व्हाट्सऐप पर चैटिंग के जरिये लोग इन्हें दांव लगाने के लिए कहते थे. जिसका पूरा ब्योरा पुलिस ने निकाला है, जिसे बारीकी से खंगाला जा रहा है. गौरतलब है कि अन्य बड़े शहरों की तरह शिल्पांचल में भी लोग आइपीएल में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर बड़े दांव लगाते हैं. समय-समय पर इसका खुलासा होता रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर शनिवार रात को साइबर क्राइम थाना पुलिस की टीम और खुफिया विभाग की टीम ने संयुक्तरूप से छापेमारी करके दुर्गा बर्मन को पोलो ग्राऊंड के पास पकड़ा. उसके पास से मिली जानकारी के आधार पर सोनू सोनकर को पकड़ा. इनके मोबाइल फोन से काफी जानकारियां पुलिस को मिली. इसके साथ ही सीएबी से जुड़े दो दस्तावेज की प्रति भी मिली. जिसे लेकर पुलिस की परेशानी बढ़ गयी है. आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि वे लोग विभिन्न अधिकृत बेटिंग कंपनियों का प्रतिनिधि बनकर भी लोगों से बात करते थे और उन्हें ऑनलाइल दांव लगाने के लिए प्रेरित करते थे. डीडी की टीम इस मामले की गहनता से जांच में जुटी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है