आसनसोल.
देश का कोई भी नागरिक किसी भी राज्य से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है. यह कानून द्वारा प्रदत्त अधिकार है, यह सर्वोच्च अदालत ने कहा है. ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा यदि बंगाल से चुनाव लड़ते हैं तो इसमें किसी प्रकार के कोई कानून का उल्लंघन नहीं है. कुछ लोग हैं जिन्हें लगता है कि बंगाल में सिर्फ बंगाली ही हर सीट पर चुनाव लड़ने के अधिकारी हैं और उनकी यह मानसिकता इतनी निम्न स्तर की हो गयी कि बिहार के निवासी होने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति संपन्न फिल्म स्टार व भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता श्री सिन्हा के खिलाफ सोशल मीडिया में अपशब्दों का उपयोग करते हैं. इससे सिर्फ सिन्हा ही नहीं, उनसे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े करोड़ों लोग आहत हुए और इसके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं. लोगों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, तो फिर सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जायेगा.आसनसोल की जनता ने शत्रुघ्न को दो बार सांसद चुना, यह है जनता का अपमान
बंगाल हमेशा से ही भाषा और जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने सांस्कृतिक पहचान बनाये रखने के लिए विश्व प्रसिद्ध है. वहीं कुछ तुच्छ स्वभाव वाले लोग भाषा के नाम पर राज्य सरकार और बंगाल का नाम बदनाम करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. माननीय सांसद शत्रुघ्न सिन्हा जिन्हें न केवल अभिनय के क्षेत्र में लम्बा अनुभव है बल्कि एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञों की श्रेणी में उनकी गिनती होती है, केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और आसनसोल से लगातार दो बार संसदीय चुनाव भी जीते. ऐसे व्यक्तित्व पर अपशब्द का प्रयोग करना संकीर्ण सोच को दर्शाता है. बंगाल एक मिनी भारत है जहां देश के विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों के लोग अपनी मेहनत और सोच से इस राज्य को एक नया दिशा देने का काम कर रहे हैं. इस राज्य को देश में अव्वल बनाने को लेकर दिन रात लगे रहते हैं. ऐसे में भाषाई उन्माद फैलाना और सामाजिक सौदाहर्य को बिगाड़ने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. इसकी कड़ी निंदा करता हूं और ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.बीके सिंह,
पूर्व चीफ कोऑर्डिनेटर, आइसीएमएल सीइएससी प्रोजेक्टडब्ल्यूबीसीएस के मुद्दे पर प्रभात खबर के साथ जुड़ सांसद ने किया सराहनीय प्रयास
बंगाल हमेशा से ही भाषा और जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने डब्ल्यूबीसीएस के मुद्दे पर प्रभात खबर के मुहिम के साथ जुड़कर जिस तरीके से माननीय सांसद शत्रुघ्न सिन्हा जी ने आवाज उठायी, वह अत्यंत सराहनीय है. जिसके कारण वेस्ट बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा में हिंदी, उर्दू और संथाली भाषियों को परीक्षा में बैठने का पुनः असवर प्राप्त हुआ. उनके खिलाफ किसी भी तरह के अभद्र भाषा का कोई प्रयोग करे ये हिंदीभाषी बिल्कुल ही बर्दाश्त नहीं करेंगे. जो मुख्यमंत्री हिंदी भाषियों को अपना समझती है और हिंदी भाषी भी उन्हें अपना मानकर उनके द्वारा दिए हुए हिंदी प्रत्याशी को जिताते है, उनके राज्य में हिंदी भाषी सांसद के खिलाफ कोई अभद्र भाषा का प्रयोग करे, ये अकल्पनीय है. मैं मुख्यमंत्री से गुजारिश करता हूं कि तत्काल इसके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दें. इसको लेकर हिंदी, उर्दू और संथाली समाज के काफी रोष है.शमीम अख्तर,
शिक्षक प्रभारी, जेके नगर हाइस्कूलडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है