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आज मालबाजार एसडीओ को सौंपेंगे ज्ञापन, कई छात्र संगठन जुड़े आंदोलन से

एकजुट. प्रभात खबर की मुहिम से जुड़े उत्तर बंगाल के युवा

मुद्दे को लेकर आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी हुए हैं मुखर, मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात करने का दिया है आश्वासन

डब्ल्यूबीसीएस (एक्जीक्यूटिव) परीक्षा नये सिलेबस और पैटर्न के तहत होने को लेकर राज्य सरकार ने जारी कर दी है फरमान, लाखों का भविष्य दांव परआसनसोल. डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा में हिंदी, उर्दू और संताली भाषा को हटाने के खिलाफ प्रभात खबर अखबार द्वारा छेड़ी गयी मुहिम के साथ नॉर्थ बंगाल के युवा जुड़ गये हैं. नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन सहित कई छात्र संगठनों ने मिलकर डुअर्स तराई आदिवासी स्टूडेंट्स फोरम तैयार किया और इस फोरम के बैनर तले पहला आंदोलन सोमवार को मालबाजार में होगा. इस दिन मालबाजार महकमा शासक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन होगा और महकमा शासक को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया जायेगा. फोरम की सक्रिय सदस्य और हिंदी की रिसर्च स्कॉलर व दुमथीपाड़ा टी गार्डेन इलाके की निवासी जेरेलडिना मुचवार ने बताया कि महकमा शासक को ज्ञापन देना इस आंदोलन की शुरूआत है. राज्य सरकार अपने निर्णय को वापस लेकर डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा में पहले की तरह हिंदी, उर्दू और संताली भाषा को बहाल नहीं करती है तो यह आंदोलन विकराल रूप लेगा. जिसका असर पूरे राज्य में देखने को मिलेगा. गौरतलब है डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा का मेन पेपर-ए 300 नंबर का किया गया है और इस पेपर के सारे सवालों के जवाब सिर्फ बांग्ला भाषा में लिखने होंगे. हिल एरिया के नागरिकों के लिए बांग्ला के अलावा नेपाली भाषा में उत्तर देने का प्रावधान रखा गया है. जिसका सिलेबस और पैटर्न जारी कर दिया गया है और 2025 से यह लागू किया गया है. यह पेपर पहले 200 नंबर का होता था और पांच भाषाओं हिंदी, उर्दू, संताली, बांग्ला और नेपाली में से किसी एक में देने का प्रावधान था. जिसे हटाकर सिर्फ बांग्ला/नेपाली को रखा गया. इससे हिंदी, उर्दू और संताली माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थी अब इस परीक्षा में बैठने का सोच भी नहीं पायेंगे क्योंकि 300 नंबर के उक्त पेपर में कक्षा दस के स्तर के प्रश्नों का जवाब बांग्ला भाषा में लिखना होगा और 30 फीसदी अंक लाने होंगे. जो गैर बांग्ला माध्यम के किसी भी छात्र के लिए लगभग नामुमकिन होगा. जिसे लेकर प्रभात खबर ने मुहिम छेड़ी है. इस मुहिम के साथ राज्य भर से लोग जुड़ रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप ही उत्तर बंगाल में भी आंदोलन शुरू हो गया है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रभात खबर में छपी खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया

बिहारी बाबू के नाम से पूरे देशभर में मशहूर फिल्म अभिनेता व राजनेता तथा आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रभात खबर में नियमित छप रही इस खबर को स्वतः संज्ञान में लेकर अखबार के साथ संपर्क किया और विस्तृत रूप से पूरे मामले को समझा. जिसके उपरांत उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा है. उन्होंने भी माना है कि सरकार के इस निर्णय से गैर बांग्ला माध्यम विद्यार्थियों के साथ गलत हुआ है और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ बात करगें. मुख्यमंत्री ही एकमात्र इस मामले में कुछ कर सकती हैं. प्रभात खबर की पहल पर हिंदीभाषियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री सिन्हा से मुलाकात की थी और उन्हें ज्ञापन भी दिया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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