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तृणमूल प्रदेश सचिव ने अपने ही पार्टी नेताओं के खिलाफ दिया बड़ा बयान, जिले में मची हलचल

पश्चिम बंगाल राज्य एनिमल वेलफेयर बोर्ड के वाइस चेयरपर्सन व पश्चिम बर्दवान जिला परिषद के मेंटर सह तृणमूल प्रदेश सचिव वी शिवदासन दासू ने फेसबुक लाइव पर अपने ही पार्टी नेताओं के खिलाफ विस्फोटक बयान देकर हलचल मचा दी है.

आसनसोल.

पश्चिम बंगाल राज्य एनिमल वेलफेयर बोर्ड के वाइस चेयरपर्सन व पश्चिम बर्दवान जिला परिषद के मेंटर सह तृणमूल प्रदेश सचिव वी शिवदासन दासू ने फेसबुक लाइव पर अपने ही पार्टी नेताओं के खिलाफ विस्फोटक बयान देकर हलचल मचा दी है.

उनके निशाने पर पार्टी के पश्चिम बर्दवान जिलाध्यक्ष व पांडवेश्वर के विधायक रहे. जिन्हें उन्होंने जमकर निशाने पर लिया. उनके बयान में उनका गुस्सा झलक रहा था. वह नसीहत और धमकी एक साथ दे रहे थे. फेसबुक लाइव प्रोग्राम में उनका बयान शिल्पांचल में चर्चा का विषय बना हुआ है. आम तौर पर शांत रहनेवाले श्री दासू फेसबुक लाइव में अपने ही पार्टी नेताओं के खिलाफ काफी आक्रामक रहे और आरोप लगाया कि ये नेता भाजपा के दलाल बन चुके हैं. उन्होंने जमकर अपनी भड़ास निकाली, जिसमें उनका दर्द भी झलक रहा था.

क्या कहा फेसबुक लाइव में वी शिवदासन दासू ने ?

श्री दासू ने कहा कि कुछ दिन से वह कुछ नेता अपने आप को क्या समझ रहे हैं पता नहीं? इस जिले में क्या दो-तीन नेता ही हैं? और कोई नेता नहीं नहीं है क्या? जुम्मा-जुम्मा चार दिन पार्टी में आये हैं, नया पद मिला है तो अपने आप को ‘हरिदास पाल’ समझने लगे (यह एक बांग्ला मुहावरा है जिसका अर्थ खुद को तुर्रम खां समझना) हैं. पूरे राज्य में जो भी लोग तृणमूल से जुड़े हैं वे ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को देखकर जुड़े हैं. हर नेता को अनेकों प्रकार के दायित्व मिले हैं. उनका काम है सभी को साथ लेकर चलना. कुछ मीटिंग में देख जा रहा है कि लोगों से पूछा जा रहा है कि उनके इलाके में कितने वोटों की लीड रही? उनके इलाके में लीड क्यों नहीं रही. जो विधानसभा चुनाव में एक लाख वोट की लीड दिये, दो साल बाद 2024 में उसकी लीड 40 हजार कैसे हो गयी? दो साल में 60 हजार का मार्जिन कम हो गया. वह जिलाध्यक्ष बन गये. जिलाध्यक्ष बनने के बाद पांडवेश्वर 40 हजार मार्जिन पर आ गया. वर्ष 2026 में चुनाव है, क्या होगा भगवान जाने? संगठन को मजबूत रखने के लिए सभी को एकजुट होकर चलना होगा. कोई अपने को समझेगा कि मैं ही सबकुछ हूं और अन्य लोगों को बाइपास करके चलेंगे तो राजनीति में वह नहीं होगा. जिन्हें दायित्व दिया गया, उन्हें सभी को एकजुट करके चलना है. लेकिन वे अहंकार से चलना शुरू कर दिये हैं और रुपये का अहंकार दिखा रहे हैं. ये लोग भाजपा को माइलेज दे रहे हैं. जो भाजपा जिले में नहीं है, मारपीट करके भाजपा को हाइलाइट कर रहे हैं. मुझे लगता है ये सारे नेता भाजपा के दलाल हैं. टिकट नहीं मिलने पर भाजपा में चले जायेंगे. यहां ममता बनर्जी का वफादार सैनिक होकर रहना पड़ेगा. त्याग करना पड़ेगा, मन बड़ा करना होगा. अहंकार लेकर चलेंगे तो पार्टी बर्बाद हो जायेगी. रुपये का अहंकार मत दिखाइए, अधिक दिनों तक यह नहीं रहेगा. तृणमूल है तो हम सब हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ नेता शुभेंदु के साथ हाथ मिलाकर चल रहे हैं. जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए उन्होंने कहा कि 2021 में भाजपा का टिकट लेने के लिए दौड़े थे और आज बड़े-बड़े डायलॉग मार रहे हैं. उन्होंने निर्दिष्ट कुछ नेताओं के नाम नहीं लिए बगैर जमकर उन्हें कोसा और धमकी भी दी. हालांकि यह समझा जा रहाहै कि उनका निशाना किसपर था. गौरतलब है कि दो दिन पहले एक भाजपा कार्यकर्ता की जमकर पिटाई की गयी और वह गंभीर हालत में अस्पताल में दाखिल है. जिसके बाद काफी हंगामा भी हुआ.

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