बर्नपुर.
सेल के अन्य प्लांटों की तरह आइएसपी के ठेका कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिये जाने की मांग उठी है. इसे लेकर आइएसपी की चार प्रमुख यूनियनों—इंटक, सीटू, एटक और एचएमएस—ने पश्चिम बंगाल सरकार से स्टील इंडस्ट्रीज के लिए अलग वेज स्ट्रक्चर बनाने की अपील की है. बीते सोमवार को इन यूनियनों ने राज्य सरकार, राज्य के श्रम मंत्री, केंद्रीय श्रमायुक्त, राज्य श्रमायुक्त और आइएसपी के डीआइसी को इस संबंध में आवेदन पत्र भेजा. मंगलवार को इंटक कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में चारों यूनियनों के प्रतिनिधियों ने इस जानकारी को साझा किया. आसनसोल आयरन एंड स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) के हरजीत सिंह ने कहा कि आइएसपी में हजारों ठेका कर्मी उत्पादन में स्थायी कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं, लेकिन उन्हें न तो सम्मानजनक वेतन मिलता है और न ही अन्य सुविधाएं.उन्होंने बताया कि जिले में स्थित डीएसपी और एएसपी जैसे अन्य सेल प्लांटों की तुलना में आइएसपी के ठेका कर्मियों के वेतन में 5 से 6 हजार रुपये का अंतर है. वर्ष 2021 से यूनियन न्यूनतम वेतन की मांग कर रही है और यह मामला आरएलसी में अभी भी लंबित है.
स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता देने की मांग
हरजीत सिंह ने कहा कि बंगाल में स्टील इंडस्ट्रीज के लिए अलग वेज संरचना नहीं है. यहां स्टील सेक्टर के कर्मियों को कंस्ट्रक्शन लेबर का वेज दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि आइएसपी के ठेका कर्मियों को 26 दिन रोजगार, 8 घंटे कार्य, रात्रि भत्ता, क्वार्टर भत्ता और न्यूनतम वेतन मिले. साथ ही आने वाले 4.5 मिलियन टन के प्रोजेक्ट में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दी जाये. साथ ही आइएसपी टाउन सर्विसेज की अवैध कब्जेदारियों से क्वार्टर खाली कराकर ठेका कर्मियों को दिये जायें.
इसके अलावा चारों यूनियनें जल्द ही स्थायी कर्मियों के बकाया 39 माह के एरियर और एचआर के लंबित फैसलों पर रणनीति तय करेंगी. इस मौके पर कांग्रेस के ठेका मजदूर नेता विजय सिंह, अजय राय, सीटू से सौरेन चटर्जी, एचएमएस से मुमताज अहमद और सुशील झा, एटक से उत्पल सिन्हा और आरएन सिंह भी मौजूद थे.वहीं एटक नेता उत्पल सिन्हा ने ठेका कर्मियों के लिए सम्मानजनक वेतन की मांग को लेकर आरएलसी को ज्ञापन सौंपने वाले पार्षदों को साधुवाद दिया और आंदोलन में साथ आने की अपील की.
पार्षदों की भूमिका पर भी उठा सवाल
पार्षद अशोक रुद्र ने कहा कि ट्रेड यूनियनों की निष्क्रियता के चलते वर्षों तक ठेका कर्मियों का शोषण हुआ है. बीते एक वर्ष से स्थानीय पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल ठेका कर्मियों की वेतनवृद्धि और स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दिये जाने की मांग को लेकर सक्रिय है. हाल में ही 22 वार्डों के पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरएलसी को ज्ञापन सौंपा था. उन्होंने कहा कि यदि ट्रेड यूनियनों की ओर से आंदोलन में शामिल होने का आमंत्रण मिलता है, तो सभी पार्षदों से चर्चा कर उचित कदम उठाया जायेगा.
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