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दुर्गापुर में सामान्य मौत पर कोरोना संक्रमण का डेथ सर्टिफिकेट देने पर हंगामा, अस्पताल प्रशासन ने मानी गलत

Bengal news, Asansol news : दुर्गापुर विधाननगर महकमा अस्पताल में भर्ती 57 वर्षीय एक मरीज की मौत के बाद अस्पताल द्वारा कोरोना संबंधी मृत्यु प्रमाण पत्र देने पर जमकर हंगामा हुआ. लोगों ने बीरभानपुर श्मशान घाट पर शव को लेकर काफी हंगामा किया. हंगामा को देखते हुए श्मशान घाट पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गयी. स्थानीय बोरो चेयरमैन रूमा पड़ियाल भी पहुंची. अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की और दूसरा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के बाद शव का अंतिम संस्कार हुआ.

Bengal news, Asansol news : आसनसोल/दुर्गापुर : दुर्गापुर विधाननगर महकमा अस्पताल में भर्ती 57 वर्षीय एक मरीज की मौत के बाद अस्पताल द्वारा कोरोना संबंधी मृत्यु प्रमाण पत्र देने पर जमकर हंगामा हुआ. लोगों ने बीरभानपुर श्मशान घाट पर शव को लेकर काफी हंगामा किया. हंगामा को देखते हुए श्मशान घाट पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गयी. स्थानीय बोरो चेयरमैन रूमा पड़ियाल भी पहुंची. अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की और दूसरा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के बाद शव का अंतिम संस्कार हुआ.

क्या है पूरा मामला

विगत 3 सितंबर, 2020 को कोरोना संक्रमित मरीज सनाका कोविड अस्पताल में दाखिल हुए थे. 14 सितंबर को स्वस्थ होकर घर वापस लौट आये. मृतक के परिजनों ने बताया कि सोमवार रात को फिर से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, तो रात साढ़े दस बजे उन्हें विधाननगर महकमा अस्पताल में दाखिल कराया गया. लेकिन, आधा घंटा बाद ही उनका निधन हो गया.

सुबह अस्पताल प्रबंधन की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के बाद शव को दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट लाया गया. श्मशान घाट के प्रबंधक सुकुमार चटर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र देखकर भड़क गये. मौत का कारण कोरोना बताया गया था. श्री चटर्जी ने कहा कि कोरोना से मौत होनेवाले व्यक्ति के शव को अस्पताल से सील करके भेजा जाता है. उसे लाने वाले पीपीई किट पहनकर आते हैं. नियमतः कोरोना से मरनेवालों का शव रात को जलाया जाता है.

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अस्पताल प्रबंधन में मानी अपनी गलती

सूचना मिलते ही स्थानीय बोरो चेयरमैन श्रीमती पड़ियाल भी श्मशान घाट पर पहुंचीं. उन्होंने कोरोना से मृत व्यक्ति को इस प्रकार बिना सील किये परिजनों को सौंपने के मुद्दे को लेकर अस्पताल प्रबंधन से बात की. अस्पताल की वरीय उप अधीक्षक स्वरूपा भट्टाचार्य ने श्रीमती पड़ियाल को बताया कि प्रमोद गुप्ता की मौत कोरोना से नहीं हुई है. गलती से मृत्यु प्रमाण में मौत का कारण कोरोना लिख दिया गया है. उन्होंने दूसरा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की बात कही. इसके बाद हंगामा शांत हुआ. वहीं, दूसरा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद शव का दाह संस्कार किया गया.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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