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‘भाषायी उन्माद फैलाकर बंगाल की शांति को नष्ट करने का प्रयास नहीं किया जाएगा बर्दाश्त’

फिल्म जगत के मशहूर कलाकार व आसनसोल के सांसद के खिलाफ अपशब्द का उपयोग करने को लेकर इलाके के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है. यह अपशब्द का उपयोग श्री सिन्हा के बिहारी होने पर किया गया है.

आसनसोल.

फिल्म जगत के मशहूर कलाकार व आसनसोल के सांसद के खिलाफ अपशब्द का उपयोग करने को लेकर इलाके के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है. यह अपशब्द का उपयोग श्री सिन्हा के बिहारी होने पर किया गया है. इस तरह की हरकत करनेवाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग को लेकर लोग गोलबंद हो रहे हैं. हर तबके से एक ही आवाज उठ रही है कि इसतरह का हरकत करनेवालों के खिलाफ हो उचित कार्रवाई.

ऐसे लोग राज्य व समाज के लिए घातक हैं. यह लोग नफरत फैलाकर एक दूसरे के बीच दंगा भड़काने का कार्य कर रहे है. इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो फिर लोग सड़कों पर उतर कर अपना विरोध जतायेंगे.

संस्कृति एंव सभ्यता के लिए परिचित बंगाल में कुछ लोग जहर घोलने का कर रहे हैं कार्य

हमेशा से ही पश्चिम बंगाल अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के लिए जानी जाती है. ऐसी कहावत प्रचलित है कि ””””बंगाल आज जो सोचता है दूसरे कल सोचते हैं””””. किंतु कुछ मुठ्ठी भर लोग बंगाल की संस्कृति व सभ्यता को भाषाई उन्माद फैला कर शांति व्यवस्था को नष्ट-भ्रष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जायेगा. हाल में ही ‘बांग्ला पक्खो’ के बैनर तले एक व्यक्ति आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को जिनकी ख्याति एक सिने अभिनेता एवं बिहारी बाबू की रही है, हिंदीभाषी होने के कारण उनके विषय में उटपटांग व अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहा है. उसके इस कृत्य की बड़े कठोर शब्दों में निंदा करता हूं. इस तरह के आचरण किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है. उसका ऐसा व्यवहार न केवल सांसद के लिए बल्कि यह पूरे हिंदीभाषी लोगों के लिए अभिशाप है और कोई भी हिंदीभाषी इस कृत्य को स्वीकार नहीं करेगा. कई पीढ़ियों से हमलोगों ने बंगाल के उत्थान के लिए अपनी कुर्बानी दी है, यहां मिली-जुली विरासत रही है. ऐसी ओछी मानसिकता के लोगों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए. यदि समय रहते संबंधित व्यक्ति या संगठन पर कार्रवाई नहीं हुई तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है जिसके लिए जिम्मेदार वह व्यक्ति एवं उसकी संस्था होगी.

जयनाथ चौबे,

भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता

डब्ल्यूबीसीएस मुद्दे पर शत्रुघ्न सिन्हा जुड़े प्रभात खबर की मुहिम से, निभाई बड़ी भूमिका

शत्रुघ्न सिन्हा की ख्याति सिर्फ आसनसोल के सांसद के रूप में नहीं है, एक अभिनेता के रूप में उनकी पहचान देश की सीमाओं से परे है और वे सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश के गर्व हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वह एक संवेदनशील और सहृदय व्यक्ति हैं. उनकी राजनीति जनहित को समर्पित रही है और इसकी बानगी हमें हाल ही में वेस्ट बंगाल सिविल सर्विस में हिंदी, उर्दू और संताली भाषाओं की वापसी को लेकर प्रभात खबर की मुहिम से जुड़कर की गयी पहल के रूप में देखने को मिली है. तथाकथित भाषाई अतिवादी संगठन के स्वयंभू ठेकेदार द्वारा आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पर की गयी अभद्र टिप्पणी अत्यंत निंदनीय है और सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाली है. हम हिंदीभाषी ऐसी किसी भी टिप्पणी का पुरजोर मुखालफत करते हैं. पश्चिम बंगाल में रह रहे हिंदीभाषियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझने वाले ऐसे लोग और उनकी मानसिकता पर कानून की धाराओं के तहत प्रहार किये जाने की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से ऐसे हिंदीविद्वेषी और विभाजनकारी व्यक्ति को कानून के दायरे में लाकर उचित कार्रवाई अवश्य ही की जायेगी.

सुशील शर्मा,

पानागढ़ बाजार हिंदी नि:शुल्क प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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