जामुड़िया.
जामुड़िया प्रखंड के ब्लॉक-दो तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और जामुड़िया पंचायत समिति के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ राणा एक बार फिर विवादों में घिर गये हैं.उन पर पांच ग्रामीणों को अपनी कार से कुचलने और बाद में जातिसूचक गालियां देने का गंभीर आरोप लगा है, जिससे इलाके में भारी तनाव फैल गया है, हालांकि, सिद्धार्थ राणा ने सभी आरोपों से इनकार किया है।क्या है पूरा मामला
गुरुवार शाम को जामुड़िया थाना अंतर्गत चिचुरिया ग्राम पंचायत के बगडीहा गांव में यह घटना हुई. स्थानीय निवासी टुम्पा बाउरी और सुभाष बाउरी के अनुसार, वे गांव से सटे हनुमान मंदिर के पास खड़े थे, तभी सिद्धार्थ राणा ने कथित तौर पर तेज गति से अपनी कार चलाई और पांच महिलाओं व एक बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए.
ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने इस घटना का विरोध किया, तो तृणमूल नेता ने कथित तौर पर उन्हें जातिसूचक शब्दों में गालियां दीं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सिद्धार्थ राणा घायलों का इलाज कराए बिना ही अपनी गाड़ी से चले गए इस घटना के बाद पूरे इलाके में गुस्सा फैल गया और 100 से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. सूचना मिलने पर जामुड़िया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया.राणा का खंडन और आरोपों का इतिहास
सिद्धार्थ राणा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.उनका दावा है कि वे आधिकारिक काम से बगडीहा सिद्धार्थपुर इलाके में अजय नदी से अवैध बालू निकासी की शिकायत की जांच कर घर लौट रहे थे. उन्होंने कहा कि इसी दौरान बालू माफियाओं की साजिश के तहत उनकी कार पर ईंट-पत्थर फेंके गए, जिससे उनकी कार के कुछ शीशे टूट गए. उन्होंने किसी से विवाद न होने का दावा करते हुए बताया कि वे बिना रुके वहां से निकल गएहालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि गुरुवार शाम को जब सिद्धार्थ राणा की तेज रफ्तार कार ने महिलाओं को टक्कर मारी, तो वे घायल हो गईं. ग्रामीणों ने कार न रोकने पर उनका पीछा किया और कार पर ईंट-पत्थर फेंके स्थानीय लोगों का यह भी दावा है कि उन्हें टक्कर मारने के बाद सिद्धार्थ ने कथित तौर पर उनसे कठोर बातें भी कहीं.
यह पहली बार नहीं है जब सिद्धार्थ राणा पर इस तरह के आरोप लगे हैं.दिसंबर 2024 में भी खास केंदा सब्जी मंडी में एक सब्जी विक्रेता से कहासुनी के बाद उन्होंने उसकी पिटाई कर दी थी. उस घटना के विरोध में सब्जी विक्रेताओं ने राष्ट्रीय सड़क संख्या 60 को जाम कर विरोध जताया था, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को संभाला था.क्या कहते हैं राजनीतिक दल
भारतीय जनता पार्टी और सीपीआई (एम) ने सिद्धार्थ राणा के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है.भाजपा नेता गौतम मंडल ने कहा कि इससे पहले भी सिद्धार्थ ने पार्टी कार्यालय में एक तृणमूल कार्यकर्ता, पंचायत समिति कार्यालय में एक पंचायत सदस्य और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 60 पर एक तृणमूल कार्यकर्ता की कार के चालक को परेशान किया था, लेकिन पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की.माकपा नेता मनोज दत्ता ने दिसंबर 2024 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि तब भी पार्टी ने कोई कदम नहीं उठाया था उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल का मुख्य लक्ष्य अपने नेताओं को बचाना है जो “विभिन्न तरीकों से जबरन वसूली में शामिल हैं. अवैध बालू खनन से जुड़ा विवाद
स्थानीय लोगों का यह भी दावा है कि सिद्धपुर, बाघडीहा स्थित अजय नदी के बालू घाट पर अवैध बालू का कारोबार चल रहा है और पिछले कुछ समय से वहां तृणमूल के दो गुटों के बीच झगड़ा चल रहा है स्थानीय लोगों का मानना है कि गुरुवार को सिद्धार्थ पर विपक्षी गुट ने हमला किया था.उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की जांच करने की मांग की है. तृणमूल के राज्य सचिव वी. शिवदासन ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि वे जांच के बाद ही इस पर कोई बयान देंगे.ग्रामीणों की चेतावनी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, उन्होंने चुनाव के दौरान सिद्धार्थ राणा को वोट दिया था और बाद में वे पंचायत समिति के उपाध्यक्ष बने, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया, “आज जिस तरह से उन्होंने आम लोगों के साथ व्यवहार किया, वह बिल्कुल अमानवीय है. हम इस व्यवहार से स्तब्ध हैं. ” ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे. प्रशासन की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है