पुरुलिया
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दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट (आरपीपीएस) में बिजली उत्पादन के फलस्वरूप भारी मात्रा में निकलने वाले फ्लाइ ऐश को अब मालगाड़ी से ढोया जा रहा है. अब तक इस फ्लाइ ऐश या उड़नराख को ट्रक के माध्यम से दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा था. इससे आये दिन प्रदूषण फैल रहा था. इस बीच पुरुलिया जिले से लेकर पश्चिम बर्दवान के कई हिस्सों में लोगों ने इसका तीव्र विरोध भी किया था. प्रदूषण के फैलने को लेकर रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट तथा दामोदर घाटी निगम के अधिकारियों को कई शिकायत भी की गयी थीं. इसे देखते हुए दामोदर घाटी निगम ने तय किया है कि अब रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट से जो फ्लाइ ऐश निकलेगी, उसे मालगाड़ी के जरिये विभिन्न स्थानों पर भेजा जायेगा. यहां तक कि इसके लिए मालगाड़ी से फ्लाइ ऐश की ढुलाई शुरू हो गयी है.यव्यवहार करना आरंभ कर दिया है. इसका पहला 46 कमरे का रैक का ढुलाई का कार्य मंगलवार से आरंभ हुई. संस्था के वरिष्ठ प्रबंधक शाह परियोजना प्रधान आरके सामल ने बताया मंगलवार से रेलवे के 46 बोगी मालगाड़ी में आरटीपीएस से निकले डायरेक्ट फ्लाई ऐश को बोरे में भरकर विभिन्न राज्यों में भेजने का कार्य आरंभ किया गया है इससे प्रदूषण पूरी तरह से नियंत्रित होगी एवं सुरक्षित रूप से यह फ्लाई ऐश को विभिन्न हिस्सों में पहुंचेगी उन्होंने बताया 3000 टर्न फ्लाई ऐश प्रतिदिन रेलवे के मालगाड़ी के रेक से भेजने का कार्य आरंभ हुई हैं प्रथम चरण में इसे असम के पूर्वांचल सीमेंट कारखाना को भेजा जा रहा है बुधवार सुबह यह मालगाड़ी असम के लिए रवाना हो गई.इस कार्य के लिए एक ठेकेदार संस्था को यह कार्य सौंपा गया है हम लोगों का अनुमान है जल्द ही अधिक संख्या में इसी पद्धति से राज्य एवं देश के विभिन्न हिस्सों में डायरेक्ट फ्लाई ऐश भेजने का कार्य आरंभ हो जाएगा. थर्मल पावर से निकले हुए फ्लाई ऐश को सीधी तरह विशेष प्रकार के बोरे में बंद कर वैगन में भरकर इसे विभिन्न स्थानों पर भेजने का कार्य आरंभ किया गया है इससे आरटीपीएस को आर्थिक लाभ भी हो रही है . इससे पहले थर्मल पावर से निकले हुए फ्लाई ऐश को पाइप के माध्यम से पावड़ा गांव से कुछ दूरी पर बनाए गए रख के तालाब में भेजा जाता था.इसके बाद उसे आरटीपीएस खुद रख तालाब को खाली करने के लिए विभिन्न संस्थाओं को रुपया प्रदान करता था ताकि इलाके में प्रदूषण न फैले.
कई संस्था यहां से फ्लाई ऐश लेकर ट्रक के माध्यम से जिला के विभिन्न प्रांतो के अलावा पड़ोसी जिला पश्चिम बर्दवान एवं पड़ोसी राज्य झारखंड ले जाया करते थे इससे पूरे इलाके में प्रदूषण काफी फैल जाता था इसे लेकर लगातार स्थानीय लोगों ने तीव्र विरोधा किया था. रख तलाव से जो फ्लाई एश निकलती है उसे ईटा बनाने के कारखाना लिया करते थे या फिर खाली खदानों को भरने में व्यवहार किया जाता था या अधिकांश स्थान पर फ्लाई ओवर ब्रिज बनते समय इस राख से वहां भरने का काम किया जा रहा था. इससे एक ओर आरटिपीएस को आर्थिक नुकसान भी हो रही थी. क्योंकि इन राख तालाबों को जल्द से जल्द खाली करने के लिए प्रदूषण विभाग द्वारा लगातार थर्मल पावर पर दबाव डाला जा रहा था.माल गाड़ी से इस फ्लाई ऐश को सीमेंट कारखाना भेजे जाने पर एक ओर आरपीएस को आर्थिक मुनाफा हो रही है दूसरी ओर इससे प्रदूषण भी नियंत्रित हो रही प्राप्त जानकारी के अनुसार थर्मल पावर प्लांट इन रख को सीधे तौर पर विशेष तरह के बोरे में बंद किया जा रहा है जिससे उच्च क्षमता के सीमेंट तैयार होती .आरपीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही इन डायरेक्ट फ्लाइ ऐश को और भी कई सीमेंट कारखाना को भेजने की कार्य की तैयारी चल रही है. रघुनाथपुर थर्मल पावर की इस पद्धति से फ्लाइ ऐश भेजने की खबर से आसपास के इलाके के साथ जिला व पड़ोसी जिला के लोगों ने संतोष जताया है.
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