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53 महीनों में 50 मरीजों से हटायी गयीं 53 एड्रेनल ग्रंथियां

कोलकाता मेडिकल कॉलेज की दुर्लभ उपलब्धि

काफी जटिल मानी जाती है एड्रेनल ग्रंथि की ट्यूमर सर्जरी

कोलकाता. एड्रेनल ग्रंथि की ट्यूमर सर्जरी के क्षेत्र में कोलकाता मेडिकल कॉलेज ने नयी उपलब्धि हासिल की है. कॉलेज की यूनिट-5 के ब्रेस्ट एंड एंडोक्राइन विभाग द्वारा पिछले 53 महीनों में 50 मरीजों से कुल 53 एड्रेनल ग्रंथियां सफलतापूर्वक निकाली गयी हैं. इस उपलब्धि का नेतृत्व प्रो डॉ धृतिमान मैत्रा ने किया है.

हाल ही में डॉ मैत्रा और उनकी टीम ने 50वें मरीज की सर्जरी कर 53वीं एड्रेनल ग्रंथि को शरीर से हटाया. यह सर्जरी इसलिए खास है, क्योंकि देश में एक करोड़ लोगों में से केवल पांच से 20 लोग ही एड्रेनल ट्यूमर से प्रभावित होते हैं और इनकी सर्जरी जटिल व तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण मानी जाती है.

क्यों की जाती है एड्रेनल ग्रंथि की सर्जरी

एड्रेनल ग्रंथि शरीर की एक महत्वपूर्ण अंतःस्रावी ग्रंथि है, जो तनाव नियंत्रण, रक्तचाप संतुलन, सोडियम-पोटैशियम के स्तर का विनियमन जैसे कार्यों में मदद करती है. डॉ मैत्रा के अनुसार, मटर के आकार का भी ट्यूमर जानलेवा हो सकता है. उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में मरीज गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंचते हैं, जैसे कि असामान्य रक्तचाप, कमजोरी, और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन.

हाल ही में इलाज की गयी 42 वर्षीय महिला अत्यधिक कमजोरी, असामान्य ब्लड प्रेशर और पोटेशियम की गंभीर कमी से पीड़ित थीं. सीटी स्कैन में बायीं एड्रेनल ग्रंथि में छोटा ट्यूमर पाया गया. सर्जरी के बाद महिला की हालत में सुधार आया.

किन स्थितियों में निकाली जाती है एड्रेनल ग्रंथि

फियोक्रोमोसाइटोमा, मायलोलिपोमा, एड्रेनल कॉर्टेक्स कैंसर जैसे गंभीर और दुर्लभ रोगों में ही एड्रेनल ग्रंथि को निकालने की जरूरत पड़ती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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