कोलकाता. कूचबिहार के माथाभांगा इलाके की हाजराहाट-2 ग्राम पंचायत की निर्वाचित प्रधान बिमाना बर्मन को असम के नलबाड़ी जिले से नोटिस भेजा गया है. यह नोटिस एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) से जुड़े एक पुराने दस्तावेज़ के सत्यापन को लेकर है, जिसे एक समय पंचायत ने जारी किया था. मामला मीनती राय से जुड़ा है, जिनकी शादी असम के नलहाटी में हुई थी. एनआरसी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने अपने मायके, कूचबिहार से कई दस्तावेज जमा किये थे, जिनमें पंचायत प्रमाणपत्र भी था. अब उसी प्रमाणपत्र की पुष्टि के लिए पंचायत प्रमुख को दस्तावेजों के साथ 27 अगस्त से पहले असम के फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल में पेश होने को कहा गया है. इसकी तृणमूल कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है.
हालांकि पंचायत प्रमुख बिमाना बर्मन ने स्पष्ट किया कि उन्हें अब तक कोई सरकारी नोटिस नहीं मिला है. वह बीडीओ और अन्य अधिकारियों की सलाह के बाद निर्णय लेंगी. इस पूरे मामले को लेकर तृणमूल ने तीखा हमला बोला है. पार्टी नेताओं ने कहा कि यह एक चुनाव में जीत कर आये जनप्रतिनिधि को अपमानित करने की साजिश है. तृणमूल का आरोप है कि यह असम सरकार की एक ””””कपटी योजना ” है, जिसके तहत बंगाल के लोगों, खासकर बांग्लाभाषियों को परेशान किया जा रहा है. उप-प्रमुख आसिफ अली ने भी कहा, “हमारे पास कोई नोटिस आधिकारिक रूप से नहीं आया है. मीनती राय के बेटे रामपद राय इसे लेकर आये हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहले सारे दस्तावेज़ देने के बाद भी पंचायत से प्रमाणपत्र की दोबारा पुष्टि करवायी जा रही है.”
तृणमूल कांग्रेस ने एक्स पर सवाल उठाया — “क्या बंगाल अब असम के अधीन हो गया है? यह संविधान और बंगाल की गरिमा पर सीधा हमला है.”
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