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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत, फिर ममता सरकार

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस ने आज सत्ताविरोधी लहर को धता बताते हुए तथा वाम-कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन को काफी पीछे छोडकर विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के जादुई आंकडे को पार कर लिया और 294 सदस्यीय विधानसभा में ममता बनर्जी की पार्टी ने 211 सीटें हासिल कर ली हैं. राज्य […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस ने आज सत्ताविरोधी लहर को धता बताते हुए तथा वाम-कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन को काफी पीछे छोडकर विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के जादुई आंकडे को पार कर लिया और 294 सदस्यीय विधानसभा में ममता बनर्जी की पार्टी ने 211 सीटें हासिल कर ली हैं. राज्य विधानसभा में वाम-कांग्रेस गठबंधन तमाम पूर्वानुमानों के बावजूद कुछ खास नहीं कर सका और केवल 76 सीटों पर जीत दर्ज कर सका. हालांकि कांग्रेस ने वामदलों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया और 44 सीटों पर जीत हासिल कर ली.

वहीं माकपा के खाते में 26, भाकपा के खाते में एक, एआईएफबी के खाते में दो और आरएसपी को तीन सीटों से संतोष करना पडा है. भाजपा ने तीन सीटों पर जीत का स्वाद चखा है जिसमें उसके प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की विजय भी शामिल हैं. निवर्तमान विधानसभा में पार्टी का केवल एक सदस्य था. दार्जीलिंग हिल्स में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने तीन सीटें जीती हैं. एक सीट निर्दलीय के खाते में गयी है.

भवानीपुर सीट से 25301 मतों के अंतर से जीत हासिल करने वाली ममता ने कहा कि अपने दम पर चुनाव लड रही तृणमूल कांग्रेस ने पूरे विपक्ष से मुकाबला करते हुए दो-तिहाई बहुमत हासिल किया है. बंगाल में ममता बनर्जी का ‘ठंडा माथा कूल कूल, फिर आयेगा तृणमूल’ का नारा असर करता दिखा है. ममता ने ग्रामीण इलाकों में सडक निर्माण, बिजली की अच्छी उपलब्धता, छात्राओं को साइकिल और दो रुपये में एक किलो चावल जैसे कार्यक्रमों को अपनी उपलब्धियों के तौर पर पेश किया.

वाममोर्चा-कांग्रेस ने तालमेल करके सत्तारुढ तृणमूल के सामने चुनौती पेश की थी और अनेक मुद्दों पर ममता बनर्जी की पार्टी को घेरा लेकिन ममता बनर्जी की जनप्रिय छवि के आगे यह गठबंधन कोई ऐसा चेहरा पेश करने में विफल रहा जो राज्य में उसके पुराने वजूद को लौटा सके. पश्चिम बंगाल की मौजूदा विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास 184 सीटें थीं. कांग्रेस 42 विधायकों के साथ दूसरे स्थान पर थी जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पास 40 विधायक रहे.

एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों के अनुरुप ही पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम रहे और ममता की तृणमूल कांग्रेस की राज्य में बादशाहत कायम रही. तृणमूल कांग्रेस के अन्य प्रमुख विजयी उम्मीदवारों में अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, सुब्रत चटर्जी, फिरहाद हाकिम, मलय घटक और शहर मेयर सोवन चटर्जी शामिल हैं. हालांकि मनीष गुप्ता, चंद्रिमा भट्टाचार्य, कृष्णेंदु नारायण चौधरी और साबित्री मित्रा हारने वाले मंत्रियों में शामिल हैं. पूर्व मंत्री मदन मित्रा भी चुनाव हार गये हैं जो सारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में जेल में बंद हैं. माकपा नेता सूर्यकांत मिश्रा चुनाव हार गये हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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