कोलकाता.
पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष व तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य की मुश्किलें फिर से बढ़ गयी हैं. प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले में जेल से जमानत पर छूटने के कुछ समय बाद उनका नाम एक नये मामले में सामने आया है. कूचबिहार जिले के माथाभंगा थाने में माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ एक नया मामला दर्ज हुआ है. मामले के अनुसार, एक शिक्षक दंपती के माध्यम से माणिक भट्टाचार्य पर 16 लाख रुपये लेकर नौकरी दिलाने का आरोप लगा है. जिस दंपती ने आरोप लगाया है, उसके पास इस मामले में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी अदालत में सौंपी गयी है, जिसमें मणिक का नाम लिये जाने का दावा किया गया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने गर्मी की छुट्टियों के बाद होने वाली अगली सुनवाई में पुलिस से जांच प्रक्रिया की रिपोर्ट मांगी है.गौरतलब है कि पहले से चल रहे शिक्षक नियुक्ति घोटाले में माणिक भट्टाचार्य और उनके परिवार ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामले से राहत पाने के लिए भी हाइकोर्ट का रुख किया था. इस मामले में लगभग 23 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें सितंबर 2024 में जमानत मिली थी. इस मामले में उन्हें अक्तूबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था. उनकी पत्नी शतरूपा और बेटे सौविक भट्टाचार्य ने भी इडी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए मामले को खारिज करने की अपील की है.
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि शुरू में शिकायत पर एफआइआर दर्ज नहीं हुई थी. लेकिन बाद में मामला को गंभीर होते देख प्राथमिकी दर्ज की गयी है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके साथ ही शिक्षक दंपती को भी गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल दंपती भी जमानत पर है.कोर्ट में पेश हुए माणिक ने आरोप को नकारा
इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान माणिक भट्टाचार्य स्वयं अदालत में पेश हुए और शिक्षक दंपती से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया. उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है. उन्होंने इस मामले को किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराये जाने का विरोध नहीं किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है