कोलकाता.
फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तार आजाद मल्लिक उर्फ आजाद हुसैन बांग्लादेशी नहीं, बल्कि पाकिस्तान का नागरिक है. यह खुलासा पहले ही हो चुका है. इडी आजाद से जुड़े तमाम तथ्यों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में रहने के दौरान आजाद ने अवैध तरीके से वहां के भी पहचान पत्र बना लिये थे. भारत आने के लिए वीजा का भी आवेदन किया था. संबंधित विभाग से उसके वीजा का आवेदन मंजूर भी कर लिया गया था. सूत्रों के अनुसार, इडी ने अब देश के विदेश मंत्रालय के संबंधित विभाग से भी संपर्क साधा है, ताकि यह पता चल सके कि बांग्लादेश में रहने के दौरान आजाद के भारतीय वीजा के आवेदन की मंजूरी कैसे दी गयी थी. इडी इसका भी जवाब जानना चाहती है कि वीजा के लिए उसने क्या-क्या दस्तावेज दिये थे और दस्तावेजों की सही तरीके से जांच हुई थी या नहीं? आजाद के पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने की भी आशंका है, इसलिए उससे जुड़ी तमाम जानकारियां इडी की जांच के लिए काफी महत्वपूर्ण है.आजाद पर केवल फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट ही नहीं, बल्कि फर्जी वीजा बनाने के अवैध कार्य से जुड़े होने का आरोप है. इडी की जांच में कुछ ऐसे तथ्य मिले हैं, जिसमें पता चला है कि आरोपी नेे अवैध तरीके से यूरोप के कुछ देशों के अलावा दुबई, मलेशिया, कंबोडिया व अन्य कुछ देश जाने के लिए वीजा बनाया था. इतना ही नहीं, करीब दो साल में उसके बैंक खातों से 50 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के लेन-देन को लेकर अहम तथ्य मिले हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी इस बात का भी पता लगा रहे हैं कि क्या मल्लिक ने फर्जी पासपोर्ट और वीजा के जरिये किसी आतंकवादी को यूरोप भेजा था.
गौरतलब है कि इडी ने गत अप्रैल में फर्जी पासपोर्ट मामले की जांच के तहत उत्तर 24 परगना के बिराटी स्थित एक किराये के मकान से आजाद को गिरफ्तार किया था. पहले मल्लिक के बांग्लादेश का नागरिक होने का पता चला था, लेकिन बाद में उसके पाकिस्तानी होने की सच्चाई का पता चला. उसके लगातार पाकिस्तान के कई नागरिकों से व्हाट्स एप ग्रुप के जरिये संपर्क में होने की बात भी सामने आयी है.उसके मोबाइल फोन के व्हाट्सएप चैट से कई महत्वपूर्ण तथ्य मिले हैं. साथ ही उसके मोबाइल फोन से 20 हजार से ज्यादा कॉन्टैक्ट नंबर मिले हैं. उसपर यह भी आरोप है कि उसने 500 से ज्यादा फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनाये हैं और उनका इस्तेमाल फर्जी पासपोर्ट बनाने में किया गया हो सकता है.
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