संवाददाता, कोलकाता
वेस्ट बंगाल लैंड रिफॉर्म्स एंड टेनेंसी ट्रिब्यूनल (अमेंडमेंट) बिल 2025 मंगलवार को विधानसभा से पारित कर दिया गया. इसका उद्देश्य लैंड रिफॉर्म्स एंड टेनेंसी ट्रीब्यूनल न्यायाधिकरण की चयन समिति की संरचना को युक्तिसंगत बनाना और न्यायिक व प्रशासनिक पहलुओं के बीच संतुलन स्थापित करना है. विधेयक के अनुसार, प्रशासनिक सदस्य की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी. चयन समिति में तीन सदस्य होंगे. चयन समिति का गठन राज्य सरकार करेगी. इससे पहले पश्चिम बंगाल भूमि सुधार व काश्तकारी न्यायाधिकरण अधिनियम 1997 के अनुसार प्रशासनिक सदस्य की नियुक्ति बंगाल के राज्यपाल द्वारा की जाती थी. चयन समिति के अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित व्यक्ति होंगे. चयन समिति के दो सदस्य बंगाल के भूमि सुधार आयुक्त व राज्य सरकार के किसी विभाग के सचिव होंगे. विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के विधायक मोहम्मद अली ने कहा : चयन समिति में भूमि सुधार आयुक्त को शामिल करने का उद्देश्य न्यायाधिकरण के कामकाज को मजबूत करना है.
भूमि व भूमि सुधार विभाग की राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधेयक पर अपने जवाब में कहा कि यह दो या अधिक पीठों के बीच मतभेद की स्थिति में अधिकरण के अध्यक्ष को एक बड़ी पीठ के गठन और ऐसी स्थिति में इसकी संरचना के लिए शक्ति प्रदान करता है.
उन्होंने कहा : अधिकरण को मजबूत बनाने के लिए इतनी बड़ी पीठ का गठन करते समय न्यायिक सदस्यों की संख्या प्रशासनिक सदस्यों से अधिक होनी चाहिए.
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