कोलकाता. मुर्शिदाबाद जिले में इस्लामपुर के रहने वाले दंपती ने अपनी बेटी को वापस पाने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. वर्तमान में बेटी मुर्शिदाबाद शिशु कल्याण समिति होम में है. बच्ची की मां ने अपनी बच्ची को बेच दिया था. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने यह सुनकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ””अगर मां ही बच्ची को बेच देती है, तो बच्ची सरकारी होम में ज्यादा सुरक्षित है. यह कैसी मां है? इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या मामला दर्ज करानेवाली मां वास्तव में बच्ची की मां है या नहीं. यह भी जानना जरूरी है कि क्या उसने वास्तव में बच्ची को बेचा था या नहीं. हालांकि, बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने बच्ची की माता-पिता द्वारा जमा किये गये दस्तावेजों की पुष्टि करने के बाद कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से बच्ची को वापस करने का आदेश दिया. उच्च न्यायालय में राज्य और शिशु कल्याण समिति के वकील जयदीप बनर्जी ने कहा कि मां ने बच्ची को ””असलम”” नाम के व्यक्ति को बेच दिया था और इसके बाद बेटी को असलम के चंगुल से छुड़ाकर मुर्शिदाबाद होम में रखा गया था. बताया गया है कि बच्ची का पिता मुर्शिदाबाद के इस्लामपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है और वह केरल में काम करता है. दंपती के पहले से बच्चे थे. उसकी पत्नी ने 14 अप्रैल 2022 को एक बेटी काे जन्म दिया था और आरोप है कि मां ने बच्ची को बेच दिया. केरल से लौटने के बाद युवक ने अपनी बेटी को वापस पाने के लिए थाने और कोर्ट में शिकायत दर्ज करायी. इसी मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने यह आदेश दिया.
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