कोलकाता.
खुद को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) और अन्य सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर व्यापारियों व अन्य लोगों से ठगी व वसूली करने वाले गिरोह के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा की जा रही जांच में नया मोड़ आया है. गिरफ्तार किये गये शेख जिन्ना अली उर्फ एसके जिन्नार अली के करीबी लोग भी अब जांच के रडार पर हैं. यह आशंका जतायी जा रही है कि यह ठगी का रैकेट सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों में भी इसके तार जुड़े हो सकते हैं. इडी इस मामले के हर पहलू को खंगालने में जुटी है.जिन्ना की पत्नी के बैंक खाते में 45.89 लाख जमा होने का खुलासा
इडी की जांच में आरोपी जिन्ना की पत्नी के बैंक खाते में करीब 45.89 लाख रुपये जमा होने का खुलासा हुआ है. जांच के बाद, इस खाते को फ्रीज कर दिया गया है. इससे पहले, इडी ने जिन्ना के ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, जाली लेटर हेड, मुहरें, और दो महंगे वाहन बरामद किये थे.इडी के अधिकारी फिलहाल जिन्ना के वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि ठगी से अर्जित रकम कहां-कहां स्थानांतरित की गयी है.
गत बुधवार को इडी ने कोलकाता और बर्दवान के पांच स्थानों पर छापेमारी की और जिन्ना को गिरफ्तार किया. जिन्ना को 16 जुलाई तक इडी की हिरासत में रखा जायेगा. इस पर आरोप है कि उसने पूर्व बर्दवान के एक बालू व्यवसायी से करीब 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की थी.इस तरह से करते थे ठगी :
इडी की जांच में सामने आया कि आरोपी खुद को इडी का अधिकारी बता कर कारोबारियों से करोड़ों रुपये ठगने में सफल हो रहे थे. इनका तरीका बहुत शातिर था- ये पहले कारोबारियों को फोन कर खुद को इडी का अधिकारी बताते और फिर जांच की धमकी देते1 इसके बाद, जाली सरकारी लेटर हेड, मुहरों और हस्ताक्षरों का उपयोग करके इडी और अन्य सरकारी एजेंसियों के नाम पर जबरन वसूली करते थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है