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छत्तीसगढ़ में 35 वर्षों से रह रहे बांग्लादेशी दंपती को सताया पुलिस का डर, लौटने की कोशिश में पकड़ाये

छत्तीसगढ़ में करीब 35 वर्षों से अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़े जाने का भय सताने लगा था.

आरोपियों ने अवैध तरीके से मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड व पासपोर्ट भी बनवा लिया था

संवाददाता, कोलकाता

छत्तीसगढ़ में करीब 35 वर्षों से अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़े जाने का भय सताने लगा था. आनन-फानन में दोनों ने गैर-कानूनी रूप से ही अपने देश यानी बांग्लादेश में वापसी की ठानी. हालांकि, अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश के दौरान दक्षिण दिनाजपुर के हिली इलाके से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 123वीं बटालियन के जवानों ने उन्हें दबोच लिया. इनके नाम शेख इमरान (58) और जैनब उर्फ माविया अख्तर (50) बताये गये हैं. दोनों को हिली थाना के हवाले कर दिया गया. बालुरघाट अदालत में पेश करने पर इमरान को पांच दिनों की पुलिस हिरासत और जैनब को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया गया.

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेशी दंपती से प्राथमिक पूछताछ में बीएसएफ व पुलिस को पता चला कि बांग्लादेश में शेख इमरान के साथ भाई व परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं. वर्ष 1990 में वह अपनी पत्नी जैनब के साथ हिली क्षेत्र से अवैध तरीके से बांग्लादेश में भारत में घुस आया. यहां आने के बाद वे कुछ महीनों तक पश्चिम बंगाल के अलग-अलग स्थानों पर रहे और मजदूरी का काम किया. इसके बाद दलालों की मदद से अवैध तरीके से मतदाता पहचान पत्र बनवा लिया. इसके बाद वे छत्तीसगढ़ के रायपुर चले गये. वहां इमरान धार्मिक अनुष्ठान कराने का काम करने लगा. वहां रहने के दौरान आरोपी दंपती ने आधार कार्ड ही नहीं, बल्कि पासपोर्ट भी बनवा लिये. देश के अन्य राज्यों की तरह ही छतीसगढ़ में भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को शिनाख्त करने का अभियान चल रहा है. ऐसे में पुलिस द्वारा पकड़े जाने का भय उन्हें सताने लगा और दोनों ने अवैध तरीके से ही बांग्लादेश में वापसी की कोशिश की. लेकिन हिली चेक पोस्ट के पास बीएसएफ ने उन्हें पकड़ लिया. उनके कब्जे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, वाहन की आरसी, भारतीय पासपोर्ट और मोबाइल फोन सहित संदिग्ध दस्तावेज और सामान बरामद किये गये.

पुलिस इमरान से पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अवैध तरीके भारत में रहने के दौरान भारतीय दस्तावेज बनाने में कौन-कौन से लोगों ने उसकी मदद की. साथ ही इमरान के अलावा अन्य कोई बांग्लादेशी नागरिक भी उसके साथ भारत में आये थे, यह भी जांच का अहम हिस्सा है.

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