कोलकाता के बालीगंज स्थित हिरणमय छात्रावास की घटना
24 जून को हुई थी घटना, रैगिंग के शिकार छात्रों ने दर्ज करायी शिकायत
संवाददाता, कोलकातादूसरे राज्यों में काम करने वाले पश्चिम बंगाल के प्रवासी कामगारों पर बांग्ला बोलने पर ””बांग्लादेशी”” होने का संदेह किया जा रहा है. इस वजह से बंगाल के कामगारों को दूसरे राज्यों में परेशान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारे में बात की है और अब कोलकाता में और वह भी कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) में ऐसे आरोप लगाये गये हैं. बांग्ला बोलने पर ””बांग्लादेशी”” होने के संदेह में हिंदीभाषी छात्रों ने कथित तौर पर दो छात्रों को परेशान किया और उनकी रैगिंग की. ऐसे आरोपों पर हंगामा मचा हुआ है. पता चला है कि दो छात्रों ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्रावास में हिंदीभाषी छात्रों के एक समूह ने बांग्ला बोलने के ””अपराध”” के लिए उत्पीड़न की शिकायत की है. उनका आरोप है कि उन्हें ””बांग्लादेशी”” कह कर अपमानित किया गया. छात्रावास का कमरा खाली करने के लिए दबाव डाला गया और यहां तक कि पुलिस केस की धमकी भी दी गयी. यह घटना कोलकाता के बालीगंज स्थित हिरणमय छात्रावास की है. घटना 24 जून को हुई. दोनों शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय के विधि विभाग के चौथे वर्ष के छात्र हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति, रजिस्ट्रार, बोर्ड ऑफ रेजिडेंट, एंटी-रैगिंग सेल और राजभवन में लिखित शिकायत दर्ज करायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है