कोलकाता. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से उच्चतम ””ए”” रेटिंग प्राप्त करने वाले राज्य-सहायता प्राप्त बेहला कॉलेज को स्वायत्तता मिल गयी है. इस स्वीकृति के साथ कॉलेज अब कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) के प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त हो गया है और उसे अपने शैक्षणिक निर्णय स्वयं लेने की अनुमति मिल गयी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संयुक्त सचिव आर मनोज कुमार द्वारा कलकत्ता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को लिखे एक पत्र में बेहला कॉलेज के लिए इस स्वायत्त स्थिति को मंजूरी दी है.
पत्र में कहा गया है कि आयोग ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद शैक्षणिक सत्र 2025-26 से 2034-35 तक 10 वर्षों की अवधि के लिए बेहला कॉलेज को स्वायत्त दर्जा प्रदान करने की स्थायी समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. क्या होगा बदलाव : यूजीसी के नियमों से परिचित कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक पूर्व कुलपति ने बताया कि सीयू इस निर्णय का सम्मान करने के लिए बाध्य है. विश्वविद्यालय से अनुरोध किया गया है कि वह 30 दिनों के भीतर स्वायत्त दर्जे के संबंध में आवश्यक अधिसूचना जारी करे. इस दौरान कॉलेज को स्वायत्त कॉलेजों के लिए सभी यूजीसी विनियमों का पालन करना होगा. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्वायत्त दर्जा कॉलेज को कई अधिकार देगा-यह कॉलेज को सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के लिए विश्वविद्यालय के अध्ययन बोर्ड द्वारा तैयार किये गये सामान्य पाठ्यक्रम का पालन करने के बजाय अपना खुद का पाठ्यक्रम तैयार करने की अनुमति देगा. कॉलेज अपनी प्रवेश प्रक्रिया भी स्वयं तय कर सकेगा, चाहे वह प्रवेश परीक्षा के माध्यम से हो या कक्षा 12वीं के बोर्ड अंकों के आधार पर. कॉलेज की प्रिंसिपल शर्मिला मित्रा ने कहा कि अब कॉलेज कक्षा 12वीं के परिणाम प्रकाशित होने के तुरंत बाद नये सत्र से स्नातक प्रवेश शुरू कर सकता है. उसे राज्य के केंद्रीकृत पोर्टल के खुलने का इंतजार नहीं करना होगा.
क्यों मिली स्वायत्तता
बेहला कॉलेज ने यह स्वायत्तता मार्च 2023 में नैक से ””ए”” ग्रेड प्राप्त करने के बाद अर्जित की थी. यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह बंगाल के केवल चार कॉलेजों में से एक है. कॉलेज ने 2024 में स्वायत्तता के लिए यूजीसी में आवेदन किया था और प्रिंसिपल शर्मिला मित्रा ने 23 मई 2025 को यूजीसी अधिकारियों से संपर्क करके आवेदन पर अपडेट मांगा, जिसके बाद यह अंतिम निर्णय हुआ. कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक वाइस चांसलर शांता दत्ता दे ने पुष्टि की कि विश्वविद्यालय को पत्र प्राप्त हो गया है और उन्होंने कहा कि स्वायत्तता प्रदान करने पर निर्णय उचित समय पर लिया जायेगा. बंगाल के अन्य तीन ””ए”” ग्रेड प्राप्त कॉलेज, जिन्हें पहले ही स्वायत्तता मिल चुकी है, वे हैं- स्वामी विवेकानंद शताब्दी कॉलेज, रहरा; रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर, बेलूड़ और सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता. नैक ने स्वायत्तता की सिफारिश करते हुए कहा था कि यह सही समय है कि कॉलेज स्वायत्त हो और छात्रों की जरूरतों के अनुसार अधिक स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स शुरू करे, खासकर भौतिकी, प्राणीशास्त्र और भूगोल में.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है