संवाददाता, कोलकाता शहीद दिवस के मंच से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रमुख तौर से ‘बंगाली गौरव’ और ‘बांग्ला भाषा’ के मुद्दे को गरमाते हुए आगामी चुनाव का बिगुल फूंक दिया है. 2026 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने तक तृणमूल कांग्रेस प्रत्येक सप्ताह शनिवार और रविवार, यानी दो दिन राज्य के प्रत्येक जिले में ‘बांग्ला भाषियों को उत्पीड़ित’ करने के मुद्दे व भाजपा शासित प्रदेशों में बांग्ला भाषियों के हालात के खिलाफ मुखर होगी. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव के ठीक पहले ‘भाषा प्रोफाइलिंग’ यानी भाषा के आधार पर भेदभाव के मुद्दे को अपना चुनावी हथियार बनाने का मन बना लिया है.
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