संवाददाता, कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को असम की भाजपा सरकार द्वारा बांग्ला भाषियों को धमकाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पड़ोसी राज्य के बांग्ला भाषी सभी भाषाओं और धर्मों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व चाहते हैं. ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि असम में भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा सभी सीमाओं को पार कर गया है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, केंद्र और भाजपा शासित राज्यों पर बांग्ला भाषी प्रवासियों को ‘अवैध बांग्लादेशी या रोहिंग्या’ बताकर व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाती रही हैं.
शनिवार को एक बार फिर ममता बनर्जी ने कहा : देश में दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा, बांग्ला, असम की भी दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. सभी भाषाओं और धर्मों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहना चाहने वाले नागरिकों को अपनी मातृभाषा का पालन करने के लिए उत्पीड़न की धमकी देना भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा : असम में भाजपा का यह विभाजनकारी एजेंडा सारी हदें पार कर चुका है और असम के लोग इसका डटकर मुकाबला करेंगे. मैं हर उस निडर नागरिक के साथ खड़ी हूं, जो अपनी भाषा और पहचान की गरिमा और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ रहा है. गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषियों पर कथित अत्याचार के खिलाफ बुधवार को कोलकाता में विरोध मार्च भी निकाला था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है