कहा- अदालत के निर्देश को दरकिनार नहीं कर सकते
प्रतिनिधि, बैरकपुर
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने ‘डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम’ के धरने को लेकर सोमवार को कहा कि राज्य सरकार उनकी नौकरी बचाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कानून के दायरे में हर संभव कदम उठा रही है कि उन्हें वेतन मिलता रहे, इसके बावजूद वे फिर आंदोलन कर रहे हैं. फोरम के लगभग 1,000 प्रदर्शनकारी 15 मई से ही बहाली की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. शिक्षक यह भी कह रहे हैं कि उन्हें नयी भर्ती परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं है और उनका तर्क है कि वे पहले ही 2016 की पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) परीक्षा पास कर चुके हैं तथा तब से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों में वे शिक्षक भी शामिल हैं, जिन्होंने 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन उन 25,753 शिक्षकों की सूची में शामिल थे, जिन्हें न्यायालय ने अमान्य करार दिया था. न्यायालय ने भर्ती प्रक्रिया को ‘भ्रष्ट’ करार दिया था. सोमवार को टीटागढ़ में पार्टी कार्यालय में पहुंचे शिक्षा मंत्री ने बेरोजगार शिक्षकों के संबंध में कहा कि एसएससी या विकास भवन को अवरुद्ध करना उचित नहीं है. सरकारी अधिकारियों को अपना काम करने दें, यदि न्यायालय की अवमानना हुई तो केवल सरकार ही नहीं, बल्कि वे भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे. यह उनके भविष्य के लिए बिल्कुल उपयुक्त या वांछनीय नहीं है.
संवाददाताओं से बातचीत में श्री बसु ने विरोध-प्रदर्शनों के बढ़ने, खासकर 15 मई को राज्य शिक्षा मुख्यालय विकास भवन के गेट के बाहर घेराव करने पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे कि सरकार ने कई मौकों पर उनके साथ बैठकर और वरिष्ठ अधिवक्ताओं के परामर्श से उच्चतम न्यायालय का रुख करने सहित सभी कानूनी कदम उठाये, उसके बाद भी उन्होंने ऐसा क्यों किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों की सहायता के लिए हर संभव कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि हमने उनके नाम जिला स्कूल निरीक्षक के कार्यालयों को भेजे थे और उन्हें वेतन मिल रहा है. कई लोग अपने कार्यस्थलों पर लौट आये थे. अब नहीं पता कि वे अचानक आंदोलन क्यों करने लगे. हम नहीं चाहते कि उनके सेवा रिकॉर्ड में कोई दाग लगे. शिक्षकों की नयी भर्ती परीक्षा में नहीं बैठने की मांग पर बसु ने स्पष्ट किया कि एसएससी उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत सख्ती से काम कर रहा है.
आंदोलनकारी शिक्षकों में मतभेद
आंदोलन को लेकर बेरोजगार शिक्षकों में मतभेद उजागर हुआ है. आंदोलनकारी शिक्षकों का एक संगठन सरकार के कानूनी कदम का समर्थन कर रहा है. वह सरकार के समर्थन में है, राज्य के शिक्षा मंत्री ने भी ऐसा ही दावा किया है. सरकार की पहल का समर्थन करने वाले एक संगठन के पत्र को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री ने सोमवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलनकारी शिक्षकों का एक संगठन सरकार के कानूनी कदम का समर्थन कर रहा है. वह सरकार के पक्ष में है. इस संगंठन से 2500 शिक्षक-शिक्षिका जुड़े हैं. वेस्ट बंगाल अनट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीयूटीए) की ओर से मृणमय मंडल ने राज्य के शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मुख्य सचिव मनोज पंत और एसएससी अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार को पत्र भेजा है. शिक्षा मंत्री द्वारा पत्र सार्वजनिक करने पर मृणमय ने कहा है कि उनका (मृणमय) लक्ष्य सुप्रीम कोर्ट में चल रहे कानूनी लड़ाई जितना है. इसके लिए जो मंच था, उससे अलग उनलोगों ने मंच तैयार किया है, उसका कहना है कि सरकार को स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है, वह बताना होगा.
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