कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट ने मंगलवार को बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा जारी समन को चुनौती देने के लिए याचिका दायर करने की अनुमति दे दी. यह समन तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल द्वारा एक पुलिस अधिकारी से फोन पर की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में जारी किया गया था. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए एसपी के वकील को याचिका दायर करने की अनुमति दी और निर्देश दिया कि संबंधित पक्षों को याचिका की प्रति सौंपने की शर्त पर मामले की सुनवाई बुधवार को की जायेगी. एसपी के वकील ने अदालत को बताया कि एनसीडब्ल्यू, बीरभूम में जारी एक पुलिस जांच में हस्तक्षेप कर रहा है और जांच अधिकारियों पर दबाव बना रहा है.वकील ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग पुलिस को कुछ विशेष धाराएं जोड़ने और केस डायरी प्रस्तुत करने के लिए मजबूर कर रहा है. एनसीडब्ल्यू ने इस घटना पर कार्रवाई रिपोर्ट से असंतुष्टि जताते हुए एसपी को 14 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष उपस्थित होने का समन दिया था.
एनसीडब्ल्यू सदस्य के विरुद्ध एफआइआर पर रोक
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य अर्चना मजूमदार के खिलाफ दर्ज एफआइआर पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोलकाता पुलिस ने अक्तूबर 2024 में हुई हिंसा के मद्देनजर नारकेलडांगा थाने में अर्चना मजूमदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी. अर्चना मजूमदार ने इस एफइआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने कोलकाता पुलिस की एफआइआर पर अंतरिम रोक लगा दी है.
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