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सूची जारी नहीं होने तक एसएससी कार्यालय के पास ही डटे रहेंगे अभ्यर्थी

एसएससी भवन के सामने बेरोजगार हुए शिक्षकों का आंदोलन सोमवार रात तक जारी रहा. कई बार पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई. बर्खास्त शिक्षकों का कहना था कि हमलोग योग्य होकर भी रास्ते पर पड़े हुए हैं. भ्रष्टाचार तो सरकार के आला लोगों ने किया है. हमलोग तो योग्य उम्मीदवार थे. जब तक तालिका प्रकाशित नहीं की जाती, वे लोग यहीं बैठे रहेंगे.

कोलकाता.

एसएससी भवन के सामने बेरोजगार हुए शिक्षकों का आंदोलन सोमवार रात तक जारी रहा. कई बार पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई. बर्खास्त शिक्षकों का कहना था कि हमलोग योग्य होकर भी रास्ते पर पड़े हुए हैं. भ्रष्टाचार तो सरकार के आला लोगों ने किया है. हमलोग तो योग्य उम्मीदवार थे. जब तक तालिका प्रकाशित नहीं की जाती, वे लोग यहीं बैठे रहेंगे. एक बेरोजगार शिक्षिका ने बताया कि हमारा एक प्रतिनिधिमंडल एसएससी भवन में गया था. उन्हें कहा गया कि पहली से तीसरी काउंसलिंग करनेवाले लोगों का नाम ही जारी किया जायेगा. बाकी को अयोग्य प्रमाणित करने की कोशिश की जा रही है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. उनका कहना था कि उनकी बातों पर भरोसा कर गलती हुई है. वे सब चोर हैं. जानबूझ कर तालिका जारी नहीं हो रही है. विरोध प्रदर्शन के दौरान एक शिक्षिका की तबीयत बिगड़ गयी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्यों नहीं हुआ पालन, हाइकोर्ट ने मांगा जवाब

कोलकाता.

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से नियुक्त किये गये 25,735 नौकरियों को रद्द करने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार व एसएससी द्वारा अब तक आदेशों का पालन नहीं किया गया है. इसे लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश देवांग्शु बसाक व न्यायाधीश मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्होंने एसएससी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अदालत के आदेश के क्रियान्वयन में हुई देरी के बारे में बुधवार को अदालत में जानकारी देने के लिए कहा है. सोमवार को एसएससी के वकील ने कुछ दिनों का समय देने की मांग की, लेकिन अदालत ने एक दिन से ज्यादा का समय देने से इनकार कर दिया. इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को होगी. आयोग और बोर्ड को उस तिथि तक अदालत के प्रश्नों का उत्तर देना होगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी समाप्ति मामले में हाइकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. 2016 एसएससी का पूरा पैनल रद्द कर दिया गया है. लेकिन आरोप है कि राज्य सरकार ने अब तक आदेशों का अनुपालन नहीं किया है. स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर किया गया है. याचिकाकर्ता ने मामले में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने अयोग्य अभ्यर्थियों से पैसा वापस लेने की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है. इसके साथ ही अब तक ओएमआर शीट का खुलासा नहीं किया गया है. आरोप है कि कई अयोग्य शिक्षक अभी भी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. उनके नाम अब तक पोर्टल से नहीं हटाये गये हैं. ऐसा ही आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट के वकील सुदीप्त दासगुप्ता और विक्रम बनर्जी द्वारा याचिका दायर की गयी है.

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