मुख्य सचिव मनोज पंत ने जिलाधिकारियों को किया सचेत
पंचायतों और नगरपालिकाओं को वित्त विभाग से लेनी होगी अनुमति
नबान्न ने जिलाधिकारियों से दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा
संवाददाता, कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में प्रशासनिक बैठक के दौरान ही पंचायत व नगरपालिकाओं द्वारा स्थानीय स्तर लगाये गये टैक्स पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी और मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव को इस दिशा में ठोस उठाने के लिए कहा था. इसके बाद ही गुरुवार को राज्य सचिवालय ने इसे लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दिया है.
राज्य के मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि राज्य सचिवालय की अनुमति के बिना कोई भी पंचायत व नगरपालिका नया टैक्स नहीं लगा सकती है. इसे लेकर राज्य सचिवालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसमें यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ग्राम पंचायत और जिला परिषद नबान्न की अनुमति के बिना आम लोगों पर कोई कर या शुल्क नहीं लगा सकेंगे. ऐसा करने से पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी.
राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जिलाधिकारियों और बीडीओ के लिए यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है. हाल ही में आरोप लगाए जा रहे थे कि कुछ ग्राम पंचायतें और जिला परिषदें व नगरपालिकाएं नये कर के नाम पर आम लोगों से धन एकत्र कर रही हैं. नबान्न की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे शुल्क या करों के नाम पर बिना अनुमति के पैसा वसूलना सरकारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना माना जायेगा. बीडीओ और जिलाधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के सख्त निर्देश दिये गये हैं.
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