कोलकाता. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने पैसे के बदले सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा को लेकर लोकपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सोमवार को तृणमूल सांसद के साथ-साथ व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी पर भी एक विस्तृत रिपोर्ट जमा की गयी है. पिछले साल लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ पैसे के बदले सवाल के आरोपों की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. तृणमूल सांसद को 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले निलंबित कर दिया गया था. लोकपाल के निर्देशों में महुआ के खिलाफ लगाये गये आरोपों को गंभीर बताया गया था. पिछले साल 21 मार्च को महुआ और दर्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. लोकपाल के निर्देश पर महुआ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. महुआ पर दुबई स्थित उद्योगपति दर्शन से नकदी और उपहार के बदले संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा था. इसी वर्ष लोकसभा चुनाव में महुआ मोइत्रा कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित हुई थीं.
दूसरी ओर, महुआ ने प्रश्न और रिश्वत मामले में उन्हें सांसद पद से अयोग्य ठहराये जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लोकसभा सचिवालय ने उस मामले में शीर्ष अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 122 के अनुसार न्यायपालिका, विधायिका की आंतरिक कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.
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